‘‘कागजों में हरियाली और मौके पर कोई काम नहीं’’

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‘‘कागजों में हरियाली और मौके पर कोई काम नहीं’’

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में गुरूवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ उनके विभागों, वन विभाग, श्रम एवं सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण तथा आयुष की समीक्षा की। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App वन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा चरागाह विकास,


देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में गुरूवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ उनके विभागों, वन विभाग, श्रम एवं सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण तथा आयुष की समीक्षा की।  अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App 

वन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा चरागाह विकास, वृक्षारोपण की योजनाओं को मॉनिटर कैसे किया जा रहा है ? ‘‘कागजों में हरियाली और मौके पर कोई काम नहीं’’ ये स्थिति स्वीकार नहीं की जाएगी। वन विभाग सभी वृक्षारोपण योजनाओं का आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए लगातार अनुश्रवण करें।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से पूछा कि मानव वन्य जीव संघर्ष के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए क्या कार्य योजना है ? उन्होंने कहा कि बंदरों और जंगली सुअरों से खेती को होने वाले नुकसान को रोकने के लिये ठोस प्रयास किये जाएं।

वन राजस्व की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने लीसा चोरी के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए पूछा कि यदि वन विभाग के डिपो से बिक्री नहीं हो रही तो लीसा की 100 से अधिक फैक्टरियां कैसे चल रही है। उनके द्वारा किये जाने वाला उत्पादन और वहां खपत हो रहे लीसे को को कौन क्रॉस चेक कर रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वन विभाग के सभी डिपों में एकत्र लीसे को पारदर्शी तरीके से नीलाम किया जाय। नीलामी प्रक्रिया को एक उच्च स्तरीय अधिकारियों की समिति द्वारा मॉनिटर किया जाय। बताया गया कि प्रदेश में वन विभाग कुल चार डिपों में 02.85 लाख कुन्तल लीसा नीलाम किया जाना है। इसी प्रकार वन विभाग द्वारा वर्तमान ट्रांजिट फीस 15 रुपए/टन को बेहद कम बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसको 50 रूपए/टन करने लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये सीमावर्ती प्रदेशों की शुल्क व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन संयुक्त टास्क फोर्स बना कर नियमित रूप में छोपमारी करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जल्द ही वन, खनन, परिवहन और पुलिस की बैठक कर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिये और अधिक मजबूत पारदर्शी प्रवर्तन(इन्फोर्समेंट) व्यवस्था बनाई जाय। सीमावर्ती इलाकों में छापेमारी करने के लिये यदि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीमें भी बनानी पड़े तो उसकी भी कार्यवाही की जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से निपटने के लिये फायर लाईन के रखरखाव के साथ ही स्थानीय समुदाय के साथ भी सहभागिता की जाय। प्री-फायर अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाय। उन्होंने कहा कि उरेडा द्वारा पिरूल से बिजली बनाने की, जो नीति बनाई गई है उसे प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि पिरूल के अन्य उपयोगों के लिए भी नीति बनाई जाय और पिरूल का उठान प्रोत्साहित किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के लिये वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया तेज की जाय।

बैठक में कोटद्वार-रामनगर कंडी मार्ग पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मार्ग को प्रारम्भ करने के लिये प्रतिबद्ध है और इसके लिये सभी सम्भव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। यदि इसके लिये एलिवेटेड रोड बनानी हो अथवा ग्रीन रोड बनानी हो तो भी विचार किया जायेगा। यदि उत्तर प्रदेश कि सीमा में आने वाली भूमि के हस्तांतरण की जरूरत होगी तो उसका भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने वन मंत्री, मुख्य सचिव और वन विभाग के अधिकारियों को कंडी मार्ग हेतु सभी विकल्पों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 मई को जल संचय दिवस मनाया जायेगा और इसमें वन विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।

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