2020 तक एक लाख परिवारों को स्वावलम्बी बनाएगी सरकार

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2020 तक एक लाख परिवारों को स्वावलम्बी बनाएगी सरकार

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में टाटा ट्रस्ट और राज्य सरकार के सहयोग से हिमोत्थान परियोजना संचालित की जा रही है। इसका मकसद वर्ष 2020 तक एक लाख परिवारों के जीवन स्तर का सुधार कर स्वावलम्बी बनाना है। शनिवार को इस क्रम में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सचिवालय में हिमोत्थान परियोजना के राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग


उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में टाटा ट्रस्ट और राज्य सरकार के सहयोग से हिमोत्थान परियोजना संचालित की जा रही है। इसका मकसद वर्ष 2020 तक एक लाख परिवारों के जीवन स्तर का सुधार कर स्वावलम्बी बनाना है। शनिवार को इस क्रम में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सचिवालय में हिमोत्थान परियोजना के राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की अध्यक्षता की।

मुख्य सचिव ने टाटा ट्रस्ट से अपेक्षा की कि पालिटक्निक और आईटीआई में उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था में भी राज्य सरकार का सहयोग करें। इसके अलावा उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर भी बल दिया।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2015-16 में नौ जनपदों के 29 ब्लॉकों में 628 गांवों के 47 हजार परिवारों के लिए पशुपालन, कृषि, आजीविका, आर्गनिक खेती, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया गया। पेयजल और स्वच्छता की दिशा में 133 गांवों के 6583 घरों में कार्य कर 45951 आबादी को लाभ पहुंचाया गया।
यही नहीं 85 केन्द्रों के जरिये चार जनपदों के 85 स्कूलों में सात हजार बच्चों के लिए पेयजल, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित की गई। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत टिहरी और चमोली जनपद में कार्य किया जा रहा है। जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट ब्लॉक के 312 गांवों को खुले शौच से मुक्त (ओडीएफ) किया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र में आठ जनपदों के 225 गांवों में 19 क्लस्टर बनाकर 18 हजार परिवारों के लिये कार्य किया गया। इसमें प्याज, धान, दाल, किचन गार्डन, बेमौसमी सब्जी, मसाले, फल की पैदावार बढ़ाने और उन्नतिशील बीज का उत्पादन शामिल है।

पशुपालन में 450 गांवों के लिए 25 क्लस्टर, 850 समूह और 22 फेडेरेशन के 19500 घरों की आमदनी बढ़ाई गयी। 1500 हेक्टेयर में चारागाह विकसित किया गया। इसके अलावा 20 हिमोत्थान डेयरी का संचालन किया जा रहा है, जिसका टर्न ओवर पिछले चार साल में सात करोड़ रुपये है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव पेयजल अरविन्द सिंह हयांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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