पहाड़ों में खेती को लाभ का धंधा बनाना एक बड़ी चुनौती: राज्यपाल

  1. Home
  2. Uttarakhand
  3. Udhamsinghnagar

पहाड़ों में खेती को लाभ का धंधा बनाना एक बड़ी चुनौती: राज्यपाल

‘‘पर्वतीय कृषि को अधिक उत्पादक एवं लाभकारी बनाने के साथ ही युवाओं को भी कृषि से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को नयी-नयी तकनीकें एवं नई प्रजातियों के गुणवत्तायुक्त बीज विकसित कर उन्हें पर्वतीय क्षेत्र के किसानों तक पहुंचाना होगा।’’ यह बात उत्तराखण्ड के राज्यपाल, डा. कृष्ण कांत पॉल


‘‘पर्वतीय कृषि को अधिक उत्पादक एवं लाभकारी बनाने के साथ ही युवाओं को भी कृषि से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को नयी-नयी तकनीकें एवं नई प्रजातियों के गुणवत्तायुक्त बीज विकसित कर उन्हें पर्वतीय क्षेत्र के किसानों तक पहुंचाना होगा।’’

यह बात उत्तराखण्ड के राज्यपाल, डा. कृष्ण कांत पॉल द्वारा आज सोमवार को पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के 100वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए कही गई।

मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिकों का आह्वाहन करते हुए कहा कि यहां से अलग-अलग विषयों के वैज्ञानिकों का दल राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जाकर किसानों से सम्पर्क करे, उनकी समस्याएं सुनें, समझें, उनसे सुझाव लें तथा स्थितियों का अध्ययन कर उसके अनुरूप ही शोध एवं प्रसार कार्यों को गति प्रदान करें।

राज्यपाल ने कहा कि किसानों को सदैव उन्नत खेती के विषय में सोचने के लिए प्रेरित करना होगा। इन प्रयासों से ही पर्वतीय क्षेत्र में कृषि को लाभकारी बनाया जा सकता है।

कृषि का मकसद केवल अनाज उत्पादन या अधिक पैदावार नहीं होना चाहिए बल्कि हमें ऐसी फसलों को विकसित करने पर ध्यान देना है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हों।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव के लिए उच्चस्तरीय प्रोटीन वाले फसलों को विकसित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए दालें, सोयाबीन्स तथा तिलहनी फसलों के बीजों पर निरन्तर शोध किए जाने की जरूरत है। हमारे सारे शोध और प्रयास पोषक, सस्ते और आसानी से सुलभ होने वाले खाद्यान्न उत्पादनों पर केन्द्रित होने चाहिए। हमें ऐसे रोग-प्रतिरोधक अनुसंधानों और उन्हें अपनाये जाने को भी सुनिश्चित करना है जो खाद्यान्न की उत्पादकता को प्रभावित न करें।

उन्होंने सेब, अखरोट जैसे फल एवं सूखे मेवों, औषधीय, सगन्ध पादपों एवं अन्य पर्वतीय फसलों की उच्च गुणवत्तायुक्त एवं कम पानी में अच्छा उत्पादन देने वाली गन्ने की उन्नतिशील प्रजातियों के विकास पर भी बल दिया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि ऐसी नई प्रजातियां विकसित की जाएं जिन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम से कम हो। उन्होंने सभी नई प्रजातियों के गुणवत्तायुक्त बीज किसानों को उपलब्ध कराये जाने और उनके उपयोग के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी जोर दिया।

राज्यपाल ने 100वें मेले में सम्मिलित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए किसानों एवं मेला आयोजकों को बधाई दी और कहा कि मेले में उपलब्ध नई प्रजातियों, गुणवत्तायुक्त बीजों, जैविक खाद, श्रम की बचत वाले कृषि यंत्रों सहित कृषि सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर उपलब्ध विस्तृत जानकारी से मेले में आने वाले किसान अवश्य ही लाभान्वित होकर कृषि उपजों की पैदावार में वृद्धि करेंगे।

राज्यपाल ने मेले का उद्घाटन करने के बाद कुलपति डा. जे. कुमार के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए प्रदर्शनी में प्रदर्शित विभिन्न तकनीकों एवं उत्पादों में गहरी रूचि दिखाई। उन्होंने सम्पूर्ण मेला प्रांगण का भ्रमण भी किया।

राज्यपाल द्वारा, खेती में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से चयनित 10 किसानों को सम्मानित किया गया।

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे