राजभवन ने सरकार को लौटाए दो निजि विवि विधेयक, जताई आपत्ति
राज्य सरकार के निजी विश्वविद्यालयों से संबंधित दो विधेयकों को राजभवन ने लौटा दिया है। राजभवन ने दोनों विधेयकों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रावधानों के साथ ही राज्यपाल के अधिकारों को नजरअंदाज करने पर आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि बीते माह विधानसभा के दो दिन के विशेष सत्र में सरकार ने पौड़ी जिले
राज्य सरकार के निजी विश्वविद्यालयों से संबंधित दो विधेयकों को राजभवन ने लौटा दिया है। राजभवन ने दोनों विधेयकों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रावधानों के साथ ही राज्यपाल के अधिकारों को नजरअंदाज करने पर आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि बीते माह विधानसभा के दो दिन के विशेष सत्र में सरकार ने पौड़ी जिले के पोखड़ा में प्रस्तावित हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय और देहरादून में प्रस्तावित रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के विधेयकों को पारित कर मंजूरी के लिए राजभवन को भेजा था।
आर्टिकल-200 के तहत संदेश के साथ भेजे गए इन विधेयकों के कुछ बिंदुओं पर राजभवन ने आपत्ति की है। निजी विश्वविद्यालयों के इन विधेयकों में शाखाएं खोलने का प्रावधान भी रखा गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रावधानों के मुताबिक निजी विश्वविद्यालय अपनी शाखाएं या स्टडी सेंटर संचालित नहीं कर सकते। इसी तरह विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद समेत तमाम संस्थाओं में प्रतिनिधि नामित करने के राज्यपाल के अधिकार पर विधेयक मौन है। राज्यपाल ने अपने संदेश में इन बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए सरकार का ध्यान खींचा है।
गौरतलब है कि पौड़ी जिले के विकासखंड पोखड़ा में निजी हिमालयन विश्वविद्यालय के दायरे में तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, कला, वाणिज्य, विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, कृषि विज्ञान, प्रबंधन, पशुपालन, वनस्पति विज्ञान, परा मेडिकल विज्ञान, नर्सिग, विधिक शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा को शामिल किया गया है।
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