अल्मोड़ा में JNU की तर्ज पर बनेगा आवासीय विवि

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अल्मोड़ा में JNU की तर्ज पर बनेगा आवासीय विवि

राज्य कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन नीति 2013 में बदलाव किया है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अब उन्हीं मकानों व दुकानों को मुआवजा मिलेगा जो भूकंप रोधी तकनीक से बने होंगे। अल्मोड़ा में जेएनयू की तर्ज पर आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना और मदरसा शिक्षा परिषद के गठन पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी। साथ ही


राज्य कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन नीति 2013 में बदलाव किया है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अब उन्हीं मकानों व दुकानों को मुआवजा मिलेगा जो भूकंप रोधी तकनीक से बने होंगे। अल्मोड़ा में जेएनयू की तर्ज पर आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना और मदरसा शिक्षा परिषद के गठन पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी। साथ ही सचिवालय में सशर्त फाइव-डे वीक की व्यवस्था बहाल कर दी गई। वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए भू-गर्भ जल के दोहन पर कर वसूली का प्रावधान करते हुए उत्तराखंड भू-जल गर्भ प्राधिकरण के गठन का निर्णय लिया है।

वहीं, वर्ष 2016-17 के लिए 40 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट अनुमोदित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में पंद्रह प्रतिशत से ज्यादा है। मामूली संशोधन के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी। लेकिन मलिन बस्तियों के नियमितिकरण को लेकर विधायक राजकुमार कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिल पाई। कैबिनेट ने इस पर सैद्धांतिक सहमति तो दी, लेकिन मंजूरी के लिए इसे अगली बैठक में रखा जाएगा। जनपद चमोली में पीपलकोटि को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया है।

अल्मोड़ा में जेएनयू की तर्ज पर बनेगा आवासीय विवि

अल्मोड़ा में जेएनयू की तर्ज पर राज्य का पहला आवासीय विवि स्थापित होगा। इसके लिए दस करोड़ का शुरूआती बजट रखा गया है। इसमें अगले सत्र से शैक्षणिक कार्य शुरू हो जाएगा। आगामी बजट सत्र में इस बाबत विधेयक पेश किया जाएगा।

भू-जल गर्भ प्राधिकरण का गठन

भू-गर्भ जल दोहन पर कर लगाने का फैसला लेते हुए उत्तराखंड भू-जल गर्भ प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण उन स्थानों से रॉयल्टी वसूलेगा जहां वाणिज्यिक उद्देश्य से काम हो रहा है। मसलन, यदि र्कोई बिल्डर कॉलोनी बनाता है, या कोई मॉल और कॉम्पलेक्स तैयार करता है तो उससे रॉयल्टी वसूली जाएगी या कोई भी व्यक्ति पानी का ऐसा कारोबार करता है जिससे उसे आय होती है, तो वह भी प्राधिकरण के दायरे में आएगा। प्राधिकरण का चेयरमैन मुख्य सचिव या उसके समकक्ष कोई अफसर होगा और केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा नामित एक व्यक्ति के अलावा लघु सिंचाई, वन, ऊर्जा, पेयजल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से एक-एक सदस्य इसमें नामित किए जाएंगे।

उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन व नियामक आयोग का होगा गठन

कैबिनेट ने विगत 2013 में गठित जल नियामक आयोग व जल प्राधिकरण को मर्ज कर उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन व नियामक आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यही आयोग अब पूर्व गठित दोनों संस्थाओं का काम देखेगा।

आपदा प्रबंधन नीति में बदलाव

आपदा प्रबंधन नीति 2013 में भी बदलाव किया गया है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अब उन्हीं मकानों व दुकानों के लिए मुआवजा मिलेगा जो कि भूकंप रोधी तकनीक से निर्मित होंगे।

पूर्व विधायकों पर मेहरबान सरकार

पूर्व विधायकों को हवाई सेवा की भी सुविधा दे दी गई है। यह हवाई यात्रा सालाना मिलने वाले एक लाख रुपये के रेलवे कूपन में एडजस्ट होगी।

 

विधायकों को मिलेगा लैपटॉप

सरकार ने मौजूदा सभी विधायकों को भी कैबिनेट ने लैपटॉप देने का निर्णय लिया है।

एमएसएमई बना नोडल विभाग

लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग की नीति में बदलाव करते हुए कैबिनेट ने छोटे उद्योगों के लिए सभी तरह की छूट के लिए एमएसएमई को नोडल विभाग बना दिया है। अब सभी तरह की छूट के लिए अलग अलग विभागों में भटकना नहीं पड़ेगा।

200 पदों को मंजूरी

ऑडिट निदेशालय के ढांचे के पुनर्गठन के क्रम में पांच पद कम कर निदेशालय में कुल 200 पदों को मंजूरी दी गई है। अपर व संयुक्त निदेशक के पद कम किए गए हैं।

सप्ताह में पांच दिन होगा काम

सचिवालय व विधानसभा में अब छह के बजाय पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की प्रणाली बहाल हो गई है। 21 नवंबर 2014 को फाइव-डे वीक से सिक्स डे वीक किया था, इसके बाद 22 अगस्त 2015 को पहले और चौथे शनिवार का अवकाश घोषित कर दिया गया था, अब पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी गई है, लेकिन डीएम स्तर से घोषित होने वाली छुट्टियों का लाभ सचिवालय कर्मियों को नहीं मिलेगा।

राज्य मदरसा शिक्षा परिषद का गठन

माध्यमिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर अब राज्य में मदरसों के लिए राज्य मदरसा शिक्षा परिषद का गठन किया गया है।

इंदिरा मार्केट पुनर्विकास नीति मंजूर

देहरादून में इंदिरा मार्केट की पुनर्विकास नीति को मंजूरी दे दी गई है। 16557 वर्ग मीटर में फैले इस बाजार में 480 दुकानें होंगी और1050 वाहनों की क्षमता वाली बहुमंजिला पार्किंग बनेंगी। इस नए मार्केट में सभी प्रभावितों को दुकान आवंटित की जाएगी। उत्तराखंड में लोकभाषा, बोली व अकादमी के गठन को भी मंजूरी मिल गई है।

बोलियों का होगा वैज्ञानित अध्य्यन

गढ़वाली में 08 व कुमाऊंनी में 10 उपबोलियां हैं। इन भाषा बोलियों को संरक्षित करने व साहित्यकारों को सम्मानित करने के साथ ही वैज्ञानिक अध्ययन और डिजिटल संरक्षण करने का काम अकादमी द्वारा किया जाएगा।

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