उत्तराखंड में शुरू की गयी इस बेस्ट प्रैक्टिस को नीति आयोग में सराहा गया

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उत्तराखंड में शुरू की गयी इस बेस्ट प्रैक्टिस को नीति आयोग में सराहा गया

नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों का सम्मेलन हुआ। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने राज्य में लागू अभिनव प्रयोग का प्रस्तुतीकरण किया। ग्रामीण सड़कों के रखरखाव का कार्य महिला मंगल दलों द्वारा


नई दिल्ली [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों का सम्मेलन हुआ।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने राज्य में लागू अभिनव प्रयोग का प्रस्तुतीकरण किया। ग्रामीण सड़कों के रखरखाव का कार्य महिला मंगल दलों द्वारा कराया जाना सफल प्रयोग रहा है। इस बेस्ट प्रैक्टिस को नीति आयोग में सराहा गया है। पायलट के रूप में लागू महिला समूह द्वारा सामुदायिक ठेकेदारी सफल होने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है।

‘‘यूजर इज द बेस्ट मैनेजर‘‘ के सिद्धांत पर लागू इस योजना महिलाओं का अपनी सड़कों से लगाव बड़ा है। उनकी आमदनी का जरिया घर बैठे मिला है। ग्रामीण सड़कों में सुधार हुआ है। अनुरक्षण कार्य की कीमत घटी है। समुदाय में सेंस आफ ओनरशिप बढ़ा है। उन के कौशल और प्रबंधन में इजाफा हुआ है। महिलाओं में आत्मबल की भावना बलवती हुई है। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि महिला मंगल दल सड़क के नालियों की सफाई, पत्थर और मलवा हटाना, क्रॉस ड्रेनेज की सफाई, ड्रेनेज, पुलों की सफाई, पौधरोपण आदि कार्य अपनी सुविधा के अनुसार कर रही है। इसके लिए कम्यूनिटी मेंटीनेंस टीम का गठन किया गया है। पीएमजीएसवाई और ग्राम्य विकास के अन्य संगठनों द्वारा उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। प्रयोग के तौर पर अभी 14 महिला मंगल दलों की 1142 सदस्यों द्वारा सामुदायिक ठेकेदारी का कार्य किया जा रहा है। पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जनपदों में लागू यह योजना सभी जिलों में लागू की जाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 8057 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर 956 बसावटों को सड़कों से जोड़ा गया है। अभी 6723 किलोमीटर सड़कों का मरम्मत कार्य चल रहा है। जो सभी बसावटों के सड़कों से जुड़ जाने पर 11950 किलोमीटर हो जाएगा। इन सड़कों के अनुरक्षण पर प्रतिवर्ष 16.50 करोड़ रुपए व्यय हो रहे हैं। अभी 57.41 कि0मी0 सड़कों के रख रखाव का कार्य महिला मंगल दल द्वारा किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा सामुदायिक ठेकेदारी का प्रयोग सफल होने के बाद राज्य सरकार द्वारा सभी ग्रामीण सड़कों के रख रखाव का कार्य दिया जायेगा।

मुख्य सचिव ने अभिनव प्रयोग की जानकारी देते हुए बताया कि पहले चरण में पीएमजीएसवाई के आॅफ कैरेज वे के रख रखाव का कार्य महिला मंगल दलों को दिया गया है। दूसरे चरण में स्क्लि इंडिया मिशन अंतर्गत इन्हे ट्रेनिंग दी जायेगी। तीसरे चरण में महिला मंगल दलों को मरम्मत कार्यो और छोटे-मोटे तकनीकि गतिविधियों से सुसज्जित किया जायेगा। पैच वर्क और रिटेनिंग वाल बनाने के लिए प्रशिक्षण और उपकरण भी दिये जायेंगे। इस प्रयोग को सफल प्रयोग के बाद अन्य लोनिवि, सिंचाई आदि के मुख्य मार्गो पर भी लागू किया जा सकता है।

इस दौरान प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, सचिव नियोजन अमित नेगी, अपर सचिव राघव लंगर उपस्थित थे।

 

 

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