जमरानी बांघ पर यूपी के साथ होगा MoU: हरीश रावत

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जमरानी बांघ पर यूपी के साथ होगा MoU: हरीश रावत

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से उत्तर प्रदेश के साथ लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे सहित दूसरे लंबित मसलों पर देहरादून में यूपी और उत्तराखंड सरकार के बाच एक अहम बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत, यूपी के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में तय


जमरानी बांघ पर यूपी के साथ होगा MoU: हरीश रावत

जमरानी बांघ पर यूपी के साथ होगा MoU: हरीश रावतउत्तराखंड राज्य गठन के बाद से उत्तर प्रदेश के साथ लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे सहित दूसरे लंबित मसलों पर देहरादून में यूपी और उत्तराखंड सरकार के बाच एक अहम बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत, यूपी के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में तय हुआ कि जमरानी बांध पर दोनों राज्यों के बीच एमओयू जल्द ही हस्ताक्षरित कर दिया जाएगा। साथ ही हरिद्वार में गंगा नदी में नालों को टैप कर उन्हें एक समानांतर कैनाल या पाईपलाईन से बाहर ले जाया जाएगा। इसमें यूपी सरकार उत्तराखंड सरकार को वित्तीय सहयोग देगी। बैठक में तय हुई कि अधिकांश मामलों को एक टाईमफ्रेम में हल किया जाएगा। मुख्यमंत्री रावत ने बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों राज्यों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे। बैठक के बाद रावत ने बताया कि पुरानी ऊपरी गंगनहर रूड़की में वाटर स्पोर्ट्स के लिए यूपी द्वारा सहमति दी गई। उत्तराखण्ड में वर्ष 2018 में होने जा रहे नेशनल गेम्स को देखते हुए यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह पहले ही तय किया जा चुका है कि उत्तराखंड की भौगोलिक सीमा में स्थित उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के नियंत्रणाधीन भवनों में से लगभग 25 प्रतिशत भवनों को उत्तराखंड राज्य के प्रयोजन के लिए उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। इसे 31 मार्च तक कर देने का निर्णय लिया गया। साथ ही तय हुआ कि जिन नहरों के हेड व टेल उत्तराखंड में है, परंतु स्वामित्व यूपी सरकार के पास है, उन्हें यूपी सरकार द्वारा जल्द ही उत्तराखंड को सौंप दिया जाएगा। ऐसी कुल 37 नहरें हैं इनमें से 28 नहरें हरिद्वार जनपद में व 9 नहरें ऊधमसिंहनगर जनपद में हैं।

रावत ने बताया कि वहीं जमरानी बांध के लिए यूपी सरकार व उत्तराखंड में एमओयू हस्ताक्षरित किया जाना है। एमओयू का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे दोनों राज्यों की केबिनेट से जल्द ही अनुमोदित करा दिया जाएगा। इसके बाद इसे केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। तय किया गया कि मार्च माह में एमओयू पर दोनों राज्यों के अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर कर दिए जाएंगे। साथ ही रामगंगा में जल संरक्षण बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार की जाएगी। इसमें गैरसैंण से प्रारम्भ करते हुए अनेक जलाशय बनाए जाएंगे। टिहरी डैम में प्रभावित हो रहे गांवों के पुनर्वास के संबंध में यूपी व उत्तराखंड मिलकर केंद्र सरकार व टीएचडीसी से अनुरोध करेंगे।

बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि हरिद्वार में गंगा नदी में नालों को टैप कर उन्हें एक समानांतर कैनाल या पाईपलाईन से बाहर ले जाया जाएगा। इसके लिए यूपी सरकार द्वारा फंडिंग की जाएगी। यूपी सरकार हरिद्वार में ज्ञान गोदड़ी के लिए अपनी स्वामित्व की भूमि भी उपलब्ध करवाएगी। साथ ही आश्रम नगर हरिद्वार में ईसाई कब्रिस्तान के लिए भूमि देने पर यूपी के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने सहमति दी। साथ ही तय हुआ कि उत्तराखंड की सीमा में यूपी की ऐसी भूमि व संपत्तियां जो उनके उपयोग में नहीं आ रही है, उत्तराखंड सरकार को विक्रय कर दी जाएगी या लीज पर दे दी जाएगी। किच्छा नगर क्षेत्र में रोड़वेज बस अड्डे का स्वामित्व सिंचाई विभाग, यूपी से उत्तराखंड सरकार को दिया जाएगा।

बैठक में उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव दीपक सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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