कभी स्कूल टीचर्स-पुलिस ऑफिसर थीं ये महिलाएं, अब बन गईं सेक्स वर्कर, जानिए वजह

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कभी स्कूल टीचर्स-पुलिस ऑफिसर थीं ये महिलाएं, अब बन गईं सेक्स वर्कर, जानिए वजह

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) कुछ समय पहले तक वेनेजुएला में कोई टीचर्स था, कोई पुलिस अधिकारी था तो कोई न्यूज पेपर बांटने का काम करता था लेकिन देश में भीषण आर्थिक संकट की वजह से इन सबको काम और पैसे की तलाश में अपने देश को छोड़कर भागना पड़ा। आजतक की खबर के अनुसार वेनेजुएला


नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) कुछ समय पहले तक वेनेजुएला में कोई टीचर्स था, कोई पुलिस अधिकारी था तो कोई न्यूज पेपर बांटने का काम करता था लेकिन देश में भीषण आर्थिक संकट की वजह से इन सबको काम और पैसे की तलाश में अपने देश को छोड़कर भागना पड़ा।

आजतक की खबर के अनुसार वेनेजुएला में लोगों के लिए अपना जीवनयापन करना एक असंभव काम हो गया है। वजह है- यहां की आसमान छूती महंगाई। यहां लोग एक कप चाय के लिए भी बोरे में भरकर पैसे ले जाते हैं।

लेकिन बिना आइडेंटिटी पेपर्स के वेनेजुएला छोड़कर कंबोडिया आईं महिलाओं को सेक्स वर्कर बनने पर मजबूर होना पड़ रहा है। आर्थिक संकट के दौर में वे अपने परिवार का खर्चा चला सके, उसके लिए अब महिलाओं के पास एक यही अंतिम विकल्प बचा है।

एलेग्रिया (बदला हुआ नाम) वेनेजुएला में इतिहास और भूगोल की टीचर थीं लेकिन हाइपरइन्फ्लेशन की जद में आए वेनेजुएला में वह महीने में 312,000 बोलिवर्स कमा पा रही थीं जिसका मूल्य एक डॉलर से भी कम है।

4 साल के बच्चे की मां एलेग्रिया ने बताया, यहां तक कि मेरी सैलरी एक पैकेट पास्ता के लिए पर्याप्त नहीं थी। फरवरी महीने में वह सीमा पार कर कोलंबिया आ गईं।

शुरुआत में एलेग्रिया ने ईस्ट में एक वेट्रेस के तौर पर काम किया जिसमें रहने की व्यवस्था देने का वादा किया गया था लेकिन उन्हें कभी भुगतान ही नहीं किया गया। वह केवल टिप्स से अपना गुजारा करती रहीं। उन्होंने कहा, मैं अपने परिवार को टिप्स के पैसे भेज देती थीं। एलिग्रिया के परिवार में उनके बेटे समेत 6 लोग उन पर निर्भर हैं।

एलिग्रिया 9 अन्य महिलाओं के साथ हर रात बार में प्रॉस्टिट्यूशन का काम करती हैं। हर क्लाइंट 37,000-50,000 पेसोस (11 से 16 डॉलर) के बीच में भुगतान करता है जिसमें से 7000 पेसोस मैनेजर रख लेता है, कई बार एलिग्रिया की 30 डॉलर से 100 डॉलर तक की कमाई भी हो जाती है।

एक अन्य महिला जोली (बदला हुआ नाम) कहती हैं कि ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें प्रोस्टिट्यूट बनना पड़ेगा, हम केवल अपने देश में आए संकट की वजह से ये कर रहे हैं।

35 वर्षीय जोली 2016 तक न्यूजपेपर कैरियर की जॉब करती थीं लेकिन फिर छापने के लिए पेपर ही नहीं बचा।

आपको बता दें कि 4 साल के आर्थिक संकट के बाद वेनेजुएला में खाने और दवाइयों जैसी मूलभूत चीजें भी लोगों की पहुंच से दूर हो गईं। IMF के मुताबिक, इस वर्ष महंगाई 14 लाख फीसदी तक बढ़ जाएगी। यूएन के मुताबिक, 2015 से संकट से जूझ रहे वेनेजुएला से 19 लाख लोग छोड़कर दूसरे देश चले गए।

 

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