बहुगुणा का पलटवार, कहा- बतौर केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने क्या किया ?

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बहुगुणा का पलटवार, कहा- बतौर केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने क्या किया ?

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ में नर कंकालों की तलाश बंद करने का ठीकरा कांग्रेस सरकार के ही तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में बीजेपी नेता विजय बहुगुणा के सिर फोड़ा तो बहुगुणा ने इसको लेकर हरीश रावत पर पलटवार किया है। इस मुद्दे पर राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विजय बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने


बहुगुणा का पलटवार, कहा- बतौर केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने क्या किया ?

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ में नर कंकालों की तलाश बंद करने का ठीकरा कांग्रेस सरकार के ही तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में बीजेपी नेता विजय बहुगुणा के सिर फोड़ा तो बहुगुणा ने इसको लेकर हरीश रावत पर पलटवार किया है।

इस मुद्दे पर राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विजय बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने नरकंकालों की खोज बंद करने कोई आदेश ही नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत को नरकंकालों की खोज का अभियान चलाना चाहिए था, मगर अपनी विफलता छिपाने के लिए रावत उन पर व उनके तत्कालीन मंत्रिमंडल के साथियों के कार्यों पर सवाल उठा रहे हैं।

मीडिया को जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि केदार घाटी की आपदा में पांच हजार से ज्यादा भक्तों व क्षेत्रीय लोगों की मृत्यु हुई थी। भारतीय सेना, वायुसेना, एसडीआएफ, अर्द्धसैनिक बल व राज्य पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को बचाव कार्य सौंपा गया। हजारों लोगों को जिंदा बचाया गया। अनगिनत हेलीकाप्टरों ने पूरी केदारघाटी का कई दिन सर्वेक्षण भी किया गया। कई दिन बाद सेना, वायुसेना, पुलिस के सुझाव पर बचाव कार्य स्थगित किया गया। बरसात के बाद केदारनाथ में उन्होंने फिर से पूजा-अर्चना शुरू कराई।
यह भी स्वीकार किया कि केदार घाटी में नरकंकाल मिलेंगे। नरकंकालों की खोज का काम उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपा था। जो कंकाल मिले, उनकी सम्मान के साथ अंत्येष्टि भी कराई गई।

उन्होंने कहा कि हरीश रावत आपदा के समय केंद्रीय मंत्री थे, मगर उन्होंने इस मामले में कोई भी चर्चा प्रधानमंत्री या उनसे नहीं की। उन्हें ऐसी किसी भी कमी को सार्वजनिक रूप से उठाकर केंद्रीय मंत्री होने का दायित्व निभाना चाहिए था। यदि हरीश रावत उन्हें दोषी समझते हैं, तो वह स्वयं उनसे बड़े दोषी हैं, क्योंकि राहत व बचाव केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कराया जा रहा था और हरीश रावत केंद्र में मंत्री थे।

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