प्रकृति ने बरपाया कहर, बिना बारिश दो गांवो में हुआ भूस्खलन

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प्रकृति ने बरपाया कहर, बिना बारिश दो गांवो में हुआ भूस्खलन

बागेश्वर (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के अति संवेदनशील गांवों की सूची में शामिल कपकोट तहसील के कुंवारी गांव में बिना बारिश के ही जबरदस्त भूस्खलन हो गया। जिसके कारण पहाड़ी से विशाल चट्टानें और पेड़ उखड़कर खाई में समा गए। वहीं देवाल ब्लाक का दूरस्थ गांव झलिया भूस्खलन की चपेट में आ गया। कपकोट तहसील के


प्रकृति ने बरपाया कहर, बिना बारिश दो गांवो में हुआ भूस्खलन

बागेश्वर (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के अति संवेदनशील गांवों की सूची में शामिल कपकोट तहसील के कुंवारी गांव में बिना बारिश के ही जबरदस्त भूस्खलन हो गया। जिसके कारण पहाड़ी से विशाल चट्टानें और पेड़ उखड़कर खाई में समा गए। वहीं देवाल ब्लाक का दूरस्थ गांव झलिया भूस्खलन की चपेट में आ गया।

कपकोट तहसील के कुंवारी गांव में जबरदस्त भूस्खलन के अफरातफरी मच गई। फिलहाल किसी जनहानि की सूचना नहीं है। तहसील प्रशासन ने एसडीआरएफ की सात सदस्यीय टीम कुंवारी गांव भेज दी है। तहसील मुख्यालय से लगभग 95 किमी की दूरी पर स्थित कुंवारी गांव की पहाड़ी में हो गया। पहाड़ी से विशालकाय बोल्डर और पेड़ों के गिरने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोग घरों से बाहर निकल आए।

भूस्खलन होने से गांव के 20 से अधिक परिवारों ने गांव छोड़ छानियों में शरण ली। पूरा गांव रात भर दहशत में रहा। सुबह होने पर गांव के एक व्यक्ति ने घटना की सूचना तहसील प्रशासन को दी। गांव में भूस्खलन की सूचना पर कपकोट के उपजिलाधिकारी रवींद्र सिंह बिष्ट ने एसडीआरएफ की सात सदस्यीय टीम कुंवारी गांव भेज दी। जिस क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है उस हिस्से के खतरे में आने के कारण वहां से पहले ही सभी परिवारों को गांव के दूसरे सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जा चुका है।

जिले का कुंवारी गांव अतिसंवेदनशील गांवों की सूची में शामिल है। इस गांव में लगभग 64 परिवार रहते हैं। एक दशक पूर्व से इस गांव में जबरदस्त भूस्खलन हो रहा है।  भूस्खलन की सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम क्षेत्र में भेज दी है। गांव के जिस क्षेत्र में पहले घर थे वहां पर भूस्खलन की सूचना है। इस समय सभी पुनर्वासित परिवार दूसरे क्षेत्र में रहते हैं।

प्रकृति ने बरपाया कहर, बिना बारिश दो गांवो में हुआ भूस्खलन

भूस्खलन से गढ़वाल में देवाल ब्लाक का दूरस्थ गांव झलिया भूस्खलन की चपेट में आ गया। यहां पहाड़ी से शनिवार रात को भूस्खलन होने से गांव के 20 से अधिक परिवारों ने गांव छोड़ छानियों में शरण ली। ग्रामीणों की सूचना पर तहसील प्रशासन ने कर्मियों की टीम झलिया के लिए रवाना कर दी।

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