उत्तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन से बंद हैं 56 मार्ग, खोलने का काम जारी
उत्तराखंड में बारिश कहर बरपा रही है। खासकर पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बन रही है। बारिश से जहां लगातार लैंडस्लाइड की खबरें आ रही हैं, वहीं इस वजह से कई सड़कें बंद पड़ी है।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में बारिश कहर बरपा रही है। खासकर पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बन रही है। बारिश से जहां लगातार लैंडस्लाइड की खबरें आ रही हैं, वहीं इस वजह से कई सड़कें बंद पड़ी है।
लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत भूस्खलन से गुरुवार को कुल 44 मार्ग अवरुद्ध हुये। वहीं दो दिनों में अवरुद्ध 85 मार्गों में से 29 मार्गो को आज खोल दिया गया है। अलग अलग जगहों पर भूस्खलन से 56 मार्ग अभी भी अवरूद्ध है, जिसमें से 5 राज्य मार्ग, 3 मुख्य जिला मार्ग, एवं 48 ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध
अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए वर्तमान में राज्य राजमार्गो पर 05 मशीने, मुख्य जिला मार्गो पर 04 मशीने, अन्य जिला मार्गो पर 01 मशीने, तथा ग्रामीण मार्गो पर 49 मशीने, कुल 59 मशीने कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई के मार्गो पर 61 मशीने लगायी गयी है।
वहां ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत राज्य के अधिकतर जनपदों में विद्युत आपूर्ति सुचारू है। जनपद चम्पावत के 01 ग्राम में वर्षा के कारण विद्युत व्यवस्था बाधित चल रही है। वर्तमान तक राज्य में कुल 43 ग्रामों में विद्युत बाधित थी। जिसमें से 42 ग्रामों की विद्युत आपूर्ति पूर्णरूप से सुचारू कर दी गई हैं। शेष 01 ग्रामों में विद्युत आपूर्ति हेतु कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड जल संस्थान के अन्तर्गत वर्ष 2022 में मानसून अवधि को दृष्टिगत रखते हुये प्रत्येक शाखा में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है तथा हर जनपद में विभाग द्वारा जनपदीय नोडल अधिकारी नामित किये गये है, ताकि भूस्खलन/अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं को तत्काल चालू करने की सूचना उपलब्ध हो सकें। दैवीय आपदा से सम्भावित क्षति को दृष्टिगत करते हुये पेयजल योजनाओं के तत्काल पुनर्स्थापना हेतु जी0आई0 एवं एच0डी0पी0ई0 पाईप बफर के रूप में तथा जल शोधन एवं विसंक्रमण हेतु आवश्यक रसायन समस्त शाखाओं में उपलब्ध कराये गये हैं।
आपदा से पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल योजना से सुचारू जलापूर्ति उपलब्ध कराये जाने हेतु शाखाओं के अन्तर्गत कार्यरत प्रशिक्षित फिटर एवं बेलदार तैनात किये गये है। आपदा की स्थिति में, पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु विभिन्न शाखाओं में 71 विभागीय टैंकर उपलब्ध हैं एवं 219 किराये के पेयजल टैंकर चिन्हित है। राज्य के अन्तर्गत वर्ष 2022 में दैवीय आपदा/अतिवृष्टि से वर्तमान तक कुल 1776 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें से 1767 पेयजल योजनायें अस्थायी व्यवस्था से चालू कर दिया गया है। शेष 09 पेयजल योजनाओं को चालू किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। वर्तमान तक प्राप्त सूचनानुसार विगत 03 दिवस के भीतर दैवीय आपदा/अतिवृष्टि से 03 पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हुयी है, जिन्हें अस्थायी व्यवस्था से चालू कर दिया गया है।
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