उत्तराखंड | ऋषभ पंत के एक्सीडेंट के बाद तेजी से फैली ये अफवाह, पुलिस ने बताया पूरा सच
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पंत की मर्सिडीज कार उत्तराखंड के रुड़की में उस वक्त एक डिवाइडर से टकरा गई, जब वे दिल्ली से रुड़की स्थित अपने घर लौट रहे थे।
रुड़की (उत्तराखंड पोस्ट) टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पंत की मर्सिडीज कार उत्तराखंड के रुड़की में उस वक्त एक डिवाइडर से टकरा गई, जब वे दिल्ली से रुड़की स्थित अपने घर लौट रहे थे।
इस हादसे में पंत गंभीर रुप से घायल हो गए और उनका देहरादून के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। डिवाइडर से टकराने के बाद कार में आग लग गई थी।
पंत के साथ हुए इस भीषण हादसे के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा ये भ्रामक संदेश वायरल किया गया कि सड़क दुर्घटना के बाद क्रिकेटर ऋषभ पंत का सारा सामान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लूट लिया गया।
हरिद्वार पुलिस ने अब इन तथ्यों का खंडन किया है। एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि कुछ चैनल और पोर्टल पर बताया जा रहा है कि ऋषभ के कुछ सामान लूट लिए गए हैं जबकि ये कथन बिलकुल गलत है।
घटना के कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों एवं आसपास के लोगों से पूरी जानकारी लेने के बाद बताया कि इस प्रकार की कोई बात प्रकाश में नहीं आई है।
हॉस्पिटल में शुरुआती इलाज के दौरान स्वयं ऋषभ पंत ने कहा कि एक बैग (सूटकेस) के अलावा उनका सारा सामान गाड़ी के साथ ही जलकर खाक हो गया। हरिद्वार पुलिस ने उक्त सूटकेस और घटनास्थल से प्राप्त नगदी, ब्रेसलेट व चेन को ऋषभ पंत की मां को अस्पताल में ऋषभ के सामने ही सुपुर्द कर दिया।
एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत को सबसे पहले हरियाणा रोडवेज के एक बस ड्राइवर सुशील कुमार ने देखा था। उन्होंने ही पंत को कार से निकालने में मदद की थी और एम्बुलेंस को बुलाकर पंत को अस्पताल भिजवाया। सुशील ने बताया कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने ही बताया था कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं। अब सुशील कुमार को उत्तराखंड के डीजीपी सम्मानित भी करेंगे।
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