उत्तराखंड | इस्तीफा देने के बाद तीरथ ने बताई असल वजह, सल्ट से उपचुनाव न लड़ने पर भी दिया जवाब

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उत्तराखंड | इस्तीफा देने के बाद तीरथ ने बताई असल वजह, सल्ट से उपचुनाव न लड़ने पर भी दिया जवाब

Tirath

उत्तराखंड से बहुत बड़ी ख़बर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौट पर सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार के काम गिनाए। इसके बाद देर रात राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से बहुत बड़ी ख़बर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौट पर सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार के काम गिनाए। इसके बाद देर रात राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आर्टिकल 164 A के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था लेकिन आर्टिकल 151 कहता हैं अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता हैं तों वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं इसलिए मैं उतराखंड में संवैधानिक संकट ना खड़ा हो इसलिए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना चाहता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहां तक केंद्रीय नेतृत्व की वजह से ही पहुंचा हूं और इसके लिए मैं केंद्रीय नेतृत्व का और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं।

सल्ट उपचुनाव में चुनाव क्यों नहीं लड़ने के सवाल पर तीरथ सिंह रावत ने उस वक्त कोविड पॉजीटिव होने की दलील दी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसे रणनितीक चूक न होने की बात कही और कहा कि कोविड के कारण परिस्थिति बदली।

इससे पहले करीब पौने 10 बजे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कांफ्रेंस मे सरकार की उपल्बधियां गिनाई। मुख्यमंत्री ने बताया कैसे सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को काबू में किया।

जैसा कि कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत प्रेस कांफ्रेंस में अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कांफ्रेंस मे सरकार की उपल्बधियां गिनाई। मुख्यमंत्री ने बताया कैसे सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को काबू में किया।

तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने साल 2021 में लोगों को स्वरोजगार, व्यवसाय पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से राहत सहायता देने के लिए विभिन्न कदम उठाए। हमने लगभग 2,000 करोड़ रुपये की सहायता दी।

हमारी सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से राजकीय विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया को आगामी 6 महीने में पूरा कर बेरोजगार युवाओं को 20,000 नियुक्तियां प्रदान करने का प्रयास किया है।

बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक 

शनिवार दोपहर 3 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। सभी विधायकों को देहरादून पहुंचने को कहा गया है। बीजेपी आलाकमान ने नरेंद्र सिंह तोमर को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रुप में उत्तराखंड भेजा है और उनकी मौजूदगी में बैठक होगी। मतलब साफ है कि शनिवार को विधानमंडल दल की बैठक में नए सीएम का नाम तय हो जाएगा।

कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री ? सबसे बड़ा सवाल ये है कि तीरथ सिंह रावत के बाद राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। माना जा रहा है कि अगला सीएम कुमाऊं मंडल से होगा। सीएम की रेस में बिशन सिंह चुफाल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। इसके साथ ही सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी भी सीएम पद की रेस में बताए जा रहे हैं। हालांकि सीएम के नाम पर फैसला बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में ही होगा।

शुक्रवार को क्या हुआ था ?

शनिवार पहले खबर आई  थी कि तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र दिया है और संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की। 

तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा हैं कि आर्टिकल 164 A के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था लेकिन आर्टिकल 151 कहता हैं अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता हैं तों वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं इसलिए मैं उतराखंड में संवैधानिक संकट ना खड़ा हो इसलिए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना चाहता हूं।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में कहा था- मेरा राजनीतिक जीवन यूपी से शुरू हुआ फिर उत्तराखण्ड राज्य बना और मैं यहां आ गया। मुझे वहां भी काम करने का मौका मिला, मैं यहां भी कर रहा हूं। पार्टी ने मुझे सांसद बनाया, सीएम बनाया, आगे जो रणनीति तय करेगी हम उसी पर काम करेंगे।

गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत को मार्च महीने में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी। त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ बीजेपी में ही विरोध के स्वर उठ रहे थे, जिसके बाद नई दिल्ली में हुईं बैठकों में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला लिया गया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तकरीबन चार साल तक बतौर मुख्यमंत्री राज्य की सत्ता संभाली थी, लेकिन वहीं, तीरथ सिंह रावत को अभी सिर्फ चार महीने ही मुख्यमंत्री बने हुआ है।

तीरथ सिंह रावत वर्तमान समय में पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी सीट से विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी था। रावत को मुख्यमंत्री बने 10 सितंबर को छह महीने पूरे हो जाएंगे। कोविड-19 की परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड में उप-चुनाव भी अभी तक नहीं हुए हैं।

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