पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं: रामदेव

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पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं: रामदेव

Ramdev

योगगुरु रामदेव ने बढ़ते विवाद के बीच एलोपैथी डॉक्टरों पर दिया अपना बयान वापस ले लिया है। उन्होंने डॉ. हर्षवर्धन के चिट्ठी पर ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।


हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) योगगुरु रामदेव ने बढ़ते विवाद के बीच एलोपैथी डॉक्टरों पर दिया अपना बयान वापस ले लिया है। उन्होंने डॉ. हर्षवर्धन के चिट्ठी पर ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।

उन्होंने लिखा कि हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तथा एलोपैथी के विरोधी नहीं है। हम यह मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली तथा शल्य चिकित्सा के विज्ञान में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है। मेरा जो एक वक्तव्य कोट किया गया है यह एक कार्यकर्ता बैठक का वक्तव्य है, जिसमें मैंने आए हुए व्हाट्सएप मैसेज को पढ़कर सुनाया था। उससे अगर किसी की भावनाए आहत हुई हैं तो मुझे खेद है।


 

डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव के बयान वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- बाबा रामदेव जी ने एलोपैथिक चिकित्सा पर अपना बयान वापस लेकर जिस तरह पूरे मामले को विराम दिया है, वह स्वागतयोग्य व उनकी परिपक्वता का परिचायक है। हमें पूरी दुनिया को दिखाना है कि भारत के लोगों ने किस प्रकार डट कर #COVID19 का सामना किया है। नि:संदेह हमारी जीत निश्चित है !

आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने योगगुरु रामदेव के एलोपैथी वाले बयान को लेकर उन्हें खत लिखकर अपना बयान वापस लेने को कहा था। डॉ. हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर वह पत्र भी सार्वजनिक किया है।

इससे पहले उन्होंने ट्विटर हैंडल पर कैप्शन में लिखा है, संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। बाबा रामदेव के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है।

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