उत्तराखंड में तेज होगी विकास की रफ्तार, इन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने दी वित्तीय स्वीकृति

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उत्तराखंड में तेज होगी विकास की रफ्तार, इन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने दी वित्तीय स्वीकृति

उत्तराखंड में तेज होगी विकास की रफ्तार, इन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने  मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत कपकोट में सरयू नदी के उदगम स्थल के विकास एवं बागेश्वर में सरयू नदी के दांये पार्श्व पर हनुमान मंदिर के समीप पर घाट के निर्माण हेतु 198.04 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।


देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृतियों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने जिन विभागों के अन्तर्गत कार्यों को वित्तीय स्वीकृतियां दी है उनमें निम्न शामिल हैं।

सिंचाई विभाग- मुख्यमंत्री ने  मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत कपकोट में सरयू नदी के उदगम स्थल के विकास एवं बागेश्वर में सरयू नदी के दांये पार्श्व पर हनुमान मंदिर के समीप पर घाट के निर्माण हेतु 198.04 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

राजस्व विभाग- तहसील सदर देहरादून में पर आवासीय एवं अनावसीय भवनों के निर्माण हेतु 2277.75 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी गई हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य- राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहिया के पुर्नविनियोग हेतु रू. 61 लाख की वित्तीय स्वीकृति, राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के वर्न यूनिट की स्थापना/फर्नीचर क्रय हेतु 17 लाख 58 हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत 15 करोड का पुर्नविनियोग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत वेतन भत्तों आदि हेतु 60.30 करोड़ की मंजूरी प्रदान की गई है।

लोक निर्माण विभाग- विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ के अन्तर्गत अलकनन्दा नदी पर गार्डन, मोटर सेतु के निर्माण हेतु 16.80 लाख रूपये तथा पूंजीगत पक्ष के चालू निर्माण कार्य हेतु 100 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी प्रदान की है।

औद्योगिक विकास- मेगा इंडस्ट्रियल एवं टैक्सटाईल पॉलिसी के अनुदान हेतु 665 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति- मुख्यमंत्री ने चीनी क्रय के भुगतान पूर्व से उपलबध रू 1,14,86,295 के अतिरिक्त रू. 50 लाख रू. की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की है।

अन्य विभाग- इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी विधानसभा भवन निर्माण एवं साज सज्जा हेतु 2 करोड़ 60 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। कृषि विभाग के अन्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत 1करोड़ 66 लाख रूपये पुर्नविनियोग, माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत राजकीय आदर्श विद्यालयों में प्रयोगशाला निर्माण हेतु 131.90 लाख रूपये, महिला सशक्तिकरण के अन्तर्गत राजकीय नारी निकेतन एवं बाल गृह के निर्माण कार्य हेतु 55.78 लाख रूपये तथा वन एवं पर्यावरण विभाग के अन्तर्गत राज्य सैक्टर योजना लीसा हेतु प्राविधान धनराशि 33 करोड़ के सापेक्ष अवशेष धनराशि विषयक 9.53 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

नैनीताल जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थल में हर कोई सपनों का घर बनाना चाहता है. नैनीताल उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शामिल है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता मन मोह लेती है. अगर आपका सपना भी यहां बसने का है तो फिर जमीनों के दाम भी जान लीजिए. नैनीताल में मकान बनाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि जमीनों के दाम उंचे हैं. अगर आप बने हुए फ्लैट्स चाहते हैं तो वो भी मिल सकते हैं. यहां रीसेल पर बिकने वाले फ्लैट्स स्थान के अनुरूप मिल सकते हैं.

नैनीताल में सरकारी सर्कल रेट 15 हजार रुपये वर्ग मीटर से 66 हजार वर्ग मीटर का है. मालरोड में तो सबसे ज्यादा 66 हजार रुपये वर्ग मीटर रेट है. मालरोड़ में जमीन की कमी है. हाईकोर्ट के पास और आयारपाटा जो सेफ जोन हैं. इन इलाकों में 3 हजार रुपये वर्ग फीट जमीन के रेट हैं.

नैनीताल में फ्लैट्स तो नहीं बल्कि यहां रिसेल पर बिकने वाले फ्लैट्स स्थान के अनुरूप मिल सकते हैं. आपको 40 लाख से 3 करोड़ तक के फ्लैट्स मिल सकते हैं. नैनीताल के स्थानीय दिग्विजय बिष्ट कहते हैं कि नैनीताल पर्यटन इंडस्ट्री के तौर पर अपनी पहचान रखता है जिसके चलते शहर और इसके आसपास जमीनों के दाम ज्यादा हैं.

नैनीताल की भार वहन करने की क्षमता 2011 से पहले ही खत्म हो गई जिसके चलते यहां नक्शे पास करने की भी दिक्कतें हैं. मकान बनाने के लिये कहीं जमीन नहीं है, बावजूद इसके अवैध रूप से घरों का निर्माण हो रहा है. हांलाकि सुप्रीम कोर्ट ने भी नैनीताल में 1995 के दौरान अजय रावत बनाम केन्द्र सरकार की याचिका में व्यवसायिक निर्माण पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर घर बनाने के लिये बिना पेड़ काटे घर की अनुमति दी जा सकती है.

स्थानीय अधिवक्ता और शहर के लिये जागरुक राजीव बिष्ट कहते हैं कि प्राधिकरण के कठिन नियमों के चलते यहां मकान बनाने की प्रक्रिया को पूरा ही नहीं किया जा सकता है. सरकार को चाहिये कि कुछ ऐसे नियम लेकर आए कि लोगों को राहत मिले. घरों की उचाई को 30 फीट से बढ़ाकर 45 फीट तक करें जिससे शहर के हरित क्षेत्र को भी कायम रखा जा सके.

नैनीताल ही नहीं बल्कि नैनीताल के आसपास भी जमीनों के दाम ऊंचे हैं. भवाली भीमताल में 11 लाख से 20 लाख नाली तक जमीन के रेट हैं तो रामगढ़ मुक्तेश्वर में भी 15 से 25-30 लाख रुपये नाली जमीन के रेट हैं. पंगूट खुर्पाताल वाले इलाकों में पर्यटन गतिविधियां चलने के चलते यहां भी जमीनों के दाम उंचे हैं.

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