भाजपा के बाद अब कांग्रेस में भी जारी होगी परिवारमय सूची !

हरीश रावत ने भले ही भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवारों की पहली सूची को परिवारमय करार देते हुए तंज कसा हो लेकिन स्थिति कांग्रेस में भी कुछ ऐसी ही है। यहां पर तो मुख्यमंत्री हरीश रावत के परिवार से उनके पुत्र और पुत्री टिकट के दावेदारों में से हैं। यहां पर गौर करने वाली बात
 

हरीश रावत ने भले ही भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवारों की पहली सूची को परिवारमय करार देते हुए  तंज कसा हो लेकिन स्थिति कांग्रेस में भी कुछ ऐसी ही है। यहां पर तो मुख्यमंत्री हरीश रावत के परिवार से उनके पुत्र और पुत्री टिकट के दावेदारों में से हैं।

यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक परिवार से एक सदस्य को टिकट की पैरवी कर चुके हैं तो मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जीतने की संभावना वाले उम्मीदवार को टिकट जरुर मिलेगा।

मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं तो उनके परिवार से एक टिकट तो पक्का है ही, लेकिन साथ ही उनकी बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार विधानसभा सीट पर सक्रिय है और वहां से टिकट की दावेदारी कर रही है तो वहीं हरीश रावत के पुत्र आनंद रावत भी कुमाऊं की खटीमा विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार और उनके रिश्तेदार रणजीत सिंह रावत भी रामनगर विधानसभा से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

वहीं कांग्रेस की ही एक और दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृद्य़ेश की भी कमोबेश यही इच्छा है। वे भी अपने राजनीति के सूर्यास्त से पहले अपने बेटे सुमित हृद्येश की जड़ों को जमाना चाहती हैं। वे खुद अपनी पुरानी सीट हल्द्वानी विधानसभा से टिकट की दावेदार हैं तो अपने बेटे के लिए भी किसी आस-पास की विधानसभा सीट से टिकट चाहती हैं।

इसके साथ ही कुछ और कांग्रेसी नेता हैं जो अपने परिवार के किसी ना किसी सदस्य को टिकट दिलाने का चाहत समय समय पर जाहिर कर चुके हैं।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या शीघ्र जारी होने वाली कांग्रेस की सूची भी भाजपा की तरह की परिवारमय नजर आएगी या फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की एक परिवार से एक सदस्य को टिकट देने की थ्योरी इस सूची में नजर आएगी।

बहरहाल कांग्रेस की सूची जारी होने में ज्यादा वक्त नहीं है ऐसे में इस पर से भी जल्द पर्दा हट ही जाएगी कि कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे में किसका दबदबा रहा।