#चारधाम_यात्रा | धामी के फैसले पर हरीश रावत के सवाल, पूछा क्या- पर्यटन मंत्री असफल हो गए ?

हरदा यहीं नहीं रुके, आगे कहा कि मेडिकल सुविधाएं पहले से ही लचर हैं और इस बार जब संख्या का अनुमान था तो फिर चिकित्सा व्यवस्थाओं को भी उसी हिसाब से जुटाया जाना चाहिए था। ऋषिकेश में लोगों को समुचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है, यदि उन्हें समुचित मार्गदर्शन मिले और सही सूचनाओं का आदान-प्रदान रहे तो स्थिति सुधारी जा सकती थी।
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) गुरुवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर चारधाम यात्रा को लेकर लिए गए उनके एक फैसले को लेकर तीखा प्रहार किया है।

हरीश रावत ने दो मंत्रियों को अलग-अलग धामों की जिम्मेदारी दिए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, क्या आपने मान लिया कि माननीय पर्यटन मंत्री जी #चारधाम_यात्रा को सुचारू करने में असफल हो गए हैं! जो आपको दो मंत्रियों को अलग-अलग धामों की जिम्मेदारी देनी पड़ी है।

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हरदा ने आगे कहा कि व्यवस्था वहां से गड़बड़ाई है, जहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है। दूसरा स्थान जहां से यात्रा को व्यवस्थित करना और जिन लोगों को रोका जा रहा है उनके लिए वैकल्पिक उपाय करने के लिए केदारनाथ में सोनप्रयाग और बद्रीनाथ जी में जोशीमठ और आगे गोविंदघाट। जिन यात्रियों को रोकना पड़ रहा है उन यात्रियों के लिए शासकीय व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनके ऊपर खर्चे का दबाव न पड़े।

हरदा यहीं नहीं रुके, आगे कहा कि मेडिकल सुविधाएं पहले से ही लचर हैं और इस बार जब संख्या का अनुमान था तो फिर चिकित्सा व्यवस्थाओं को भी उसी हिसाब से जुटाया जाना चाहिए था। ऋषिकेश में लोगों को समुचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है, यदि उन्हें समुचित मार्गदर्शन मिले और सही सूचनाओं का आदान-प्रदान रहे तो स्थिति सुधारी जा सकती थी।

<a href=https://youtube.com/embed/gaQArCfV4sM?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/gaQArCfV4sM/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

हरीश रावत ने आखिर में कहा कि मैं आई.टी.बी.पी. को जिम्मेदारी देने के खिलाफ नहीं हूं लेकिन एस.डी.आर.एफ. का रोल और बढ़ाया जाना चाहिए, यात्रियों को एस्कॉर्ट करने से लेकर के धाम में व्यवस्था के संचालन में भी।

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