उत्तराखंड में सस्ता होगा घर बनाना, सरकार ने लिया बड़ा फैसला, आदेश जारी 

उत्तराखंड में अब घर बनाना सस्ता होगा। दरअसल, सरकार ने उपखनिज शुल्क की दरें घटा दी है जिससे खनन सामग्री रेता, बिजरी, पत्थर की कीमतें कम होंगी। निगमों एवं निजी नाम भूमि से उपखनिज शुल्क को लेकर शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। बता दें कि वन विकास निगम की गौला, कोसी, दाबका, नंधौरा एवं अन्य नदियों से उप खनिज का उठान बहुत कम हो रहा था। जिससे लोगों को निर्माण सामग्री जहां महंगी दरों पर मिल रही थी।
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में अब घर बनाना सस्ता होगा। दरअसल, सरकार ने उपखनिज शुल्क की दरें घटा दी है जिससे खनन सामग्री रेता, बिजरी, पत्थर की कीमतें कम होंगी। निगमों एवं निजी नाम भूमि से उपखनिज शुल्क को लेकर शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। बता दें कि वन विकास निगम की गौला, कोसी, दाबका, नंधौरा एवं अन्य नदियों से उप खनिज का उठान बहुत कम हो रहा था। जिससे लोगों को निर्माण सामग्री जहां महंगी दरों पर मिल रही थी।

शासन की ओर से विभिन्न दरों में एकरूपता का भी प्रयास किया गया है। इससे सरकारी निगमों के पट्टों से सामग्री के उठान से राजस्व में भी वृद्धि होगी। प्रदेश के वन क्षेत्रों की नदियों से उप खनिज का चुगान गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊंमंडल विकास निगम के पास है। इसके अलावा निजी नाम भूमि से भी रेता, बिजली, पत्थर आदि उप खनिजों का चुगान हो रहा है, लेकिन स्टांप शुल्क, जिला खनिज फाउंडेशन में अंशदान और क्षतिपूर्ति के नाम पर जो शुल्क लिया जा रहा था। उससे निगम क्षेत्र से रेता, बजरी, पत्थर की कीमत निजी नाप भूमि के पट्टों की तुलना में अधिक पड़ रही थी। यही वजह थी कि वन विकास निगम की गौला, कोसी, दाबका, नंधौरा एवं अन्य नदियों से उप खनिज का उठान बहुत कम हो रहा था। जिससे लोगों को निर्माण सामग्री जहां महंगी दरों पर मिल रही थी।

वहीं इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। जिसे देखते हुए शासन की ओर से जिला खनिज फांडेशन के अंशदान को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि क्षतिपूर्ति शुल्क को 15 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य शुल्क भी कम किए गए हैं।

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