युवाओं और बेटियों के भविष्य को लेकर चिंता में हैं हरीश रावत, सरकार पर साधा निशाना

हरदा ने कहा- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग  द्वारा आयोजित PCS परीक्षा की प्रारम्भिक प्रश्न पत्र का नतीजा 19 अक्टूबर को जारी हुआ और मुख्य परीक्षा की तारीख़ 12-15 नवम्बर घोषित कर दी जो बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है ।
 

 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर से निशाना साधा है। हरीश रावत ने इस बार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा के समय को लेकर सवाल उठाए हैं, साथ ही महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिजीय आरक्षण का लाभ देने के लिए सरकारी स्तर पर कोई प्रयास न होने पर भी सवाल खड़े किए हैं।

हरदा ने कहा- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग  द्वारा आयोजित PCS परीक्षा की प्रारम्भिक प्रश्न पत्र का नतीजा 19 अक्टूबर को जारी हुआ और मुख्य परीक्षा की तारीख़ 12-15 नवम्बर घोषित कर दी जो बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है ।

<a href=https://youtube.com/embed/e9welOQiK_8?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/e9welOQiK_8/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

पूर्व सीएम ने कहा- मुख्य परीक्षा को तैयारी के लिए कम से कम 3 महीने का समय मिलना चाहिए, उससे भी महत्वपूर्ण राज्य की बेटियों का हक़ 30 प्रतिशत आरक्षण जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद निरस्त हो गया है, उसे राज्य सरकार ने अध्यादेश लाकर बहाल करना चाहिए और उसके बाद  ही परीक्षा करवानी चाहिए।

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हरीश रावत ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि इस दौरान विधानसभा का सत्र बुलाकर महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिजीय आरक्षण प्रदान करने का विधेयक पारित करवाकर उसे कानून का रूप दिया जाता, ताकि माननीय न्यायालय में राज्य का पक्ष मजबूत होता! मगर ऐसा न कुछ अध्यादेश आया, न कानून पास हुआ! हमारी बहनें अपने हक से वंचित रह गई हैं। यह बड़ा चिंता का विषय है!

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