उत्तराखंड | लाखों डकारने वाले ARTO को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार, ऐसे हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा

दरअसल भ्रष्टाचार का यह मामला वर्ष 2016 में उजागर हुआ था। एआरटीओ आनंद जायसवाल वर्ष 2010 से 2015 तक ऋषिकेश में परिवहन कर अधिकारी और एआरटीओ के पदों पर तैनात थे।विभागीय जांच में पुष्टि होने के बाद आनंद जायसवाल निवासी नकरौंदा, हर्रावाला, देहरादून को परिवहन मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
 
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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से बड़ी खबर मिल रही है। विजिलेंस ने देहरादून में परिवहन मुख्यालय में तैनात एआरटीओ आनंद जायसवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

एआरटीओ आनंद जायसवाल आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2010 से 2015 तक एआरटीओ ऋषिकेश रहते हुए चालान की राशि में हेरफेर कर 29.32 लाख रुपये का गबन किया था। आपको बता दें कि एआरटीओ आनंद जायसवाल के खिलाफ मार्च 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था।

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2016 का है मामला

दरअसल भ्रष्टाचार का यह मामला वर्ष 2016 में उजागर हुआ था। एआरटीओ आनंद जायसवाल वर्ष 2010 से 2015 तक ऋषिकेश में परिवहन कर अधिकारी और एआरटीओ के पदों पर तैनात थे।विभागीय जांच में पुष्टि होने के बाद आनंद जायसवाल निवासी नकरौंदा, हर्रावाला, देहरादून को परिवहन मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।

यहां उन्होंने चालान की राशि पर ओवर राइटिंग कर उन्हें बदल दिया था। चालान की राशि जमा तो ज्यादा होती थी, लेकिन जायसवाल दर्शाते कम थे। इस दौरान जांच में पाया गया कि उन्होंने 29.32 लाख रुपये का गबन कर दिया।  विभागीय जांच के बाद विजिलेंस को रिपोर्ट सौंपी गई।

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एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि 28 मार्च 2017 को उनके खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। बुधवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ में आनंद ने जब वाजिब जवाब नहीं दिए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।