साक्षात्कार | प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी कांग्रेस: दिनेश अग्रवाल

दिसंबर के महीने में पारा गिरना शुरु होता है लेकिन उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही कड़ाके की सर्दी में भी राजनीतिक पारा चढ़ रहा है। पांच साल मे आने वाले लोकतंत्र के इस सबसे बड़े उत्सव की दस्तक के साथ ही चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। आगामी विधानसभा चुनाव की
 

दिसंबर के महीने में पारा गिरना शुरु होता है लेकिन उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही कड़ाके की सर्दी में भी राजनीतिक पारा चढ़ रहा है। पांच साल मे आने वाले लोकतंत्र के इस सबसे बड़े उत्सव की दस्तक के साथ ही चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं।

आगामी विधानसभा चुनाव की अपनी खास पेशकश में उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय और आपका पसंदीदा न्यूज पोर्टल उत्तराखंड पोस्ट डॉट कॉम आपके लिए लाया है ‘साक्षात्कार’।

‘साक्षात्कार’ में हमने बात की उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल से। दिनेश अग्रवाल ने राज्य गठन के बाद अपना पहला चुनाव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी के खिलाफ लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके बाद 2007 और 2012 के चुनाव में भी दिनेश अग्रवाल ना सिर्फ विजयी हुए बल्कि उनकी जीत का अंतर हर बार पहले से बढ़ता रहा।

उत्तराखंड पोस्ट को दिए साक्षात्कार में कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने अपने पहले चुनाव से लेकर अपनी विधानसभा और राज्य से जुड़े अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। साथ ही दावा किया कि आगामी चुनाव में कांग्रेस प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाएगी। आगे विस्तार से पढ़िए कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल का पूरा ‘साक्षात्कार’

सवाल- कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं लगता, सरकार औऱ संगठन के बीच मतभेद खुलकर उभरे हैं, ऐसे में कितनी मुश्किल है कांग्रेस की राह ?

जवाब – राजनीतिक जीवन में और राजनीतिक क्षेत्र में मतभेद होते रहते हैं, लेकिन कांग्रेस संगठन और सरकार में मनभेद नहीं है। जब मनभेद नहीं होगा तो सब लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे। ये वक्त की जरुरत भी है, यदि सरकार और संगठन के लोग मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे तो नुकसान तो हर एक को होगा। इसलिए हर आदमी ये समझ रहा है, ये एक आदमी के नुकसान की बात नहीं है, इसमें सबके नुकसान की बात है क्योंकि जब सत्ता होती है तो सबके लिए होती है।

सवाल – राहुल गांधी ने हर एक मंत्री को तीनतीन विधानसभा सीट  पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी है, कितना प्रेक्टिकल मानते हैं इसे ?

जवाब – राहुल जी ने जो मंत्रियों पर भरोसा जताया है, वो अच्छी बात है। अब उसमें कई परिस्थितियां होती हैं। मंत्री राज्य में जहां पर भी उऩकी अवश्यकता है, हमेशा वहां पर उपलब्ध रहते हैं। ये नई बात नहीं है, उनका कहना सिर्फ यही था कि मंत्री लोग ज्यादा मेहनत अपने क्षेत्रों के साथ ही दूसरे क्षेत्रों में भी करें। राजनीतिक जीवन में हर आदमी का पहला उद्देश्य अपने लिए होता है, लेकिन उसके साथ-साथ उसकी जिम्मेदारियों दल के प्रति भी होती है, तो हर एक व्यक्ति दल के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी निर्वहन करे।

सवाल – उत्तराखंड में क्या मुख्यमंत्री हरीश रावत ही कांग्रेस का चेहरा हैं ?

जवाब- निश्चित रुप से आज कांग्रेस का जो चेहरा उत्तराखंड में है, वो हरीश रावत है। आज हरीश रावत का चेहरा और विकास का चेहरा, ये दो चेहरों पर हम उत्तराखंड का चुनाव लड़ेंगे।

सवाल – राज्य गठन के बाद से दिनेश अग्रवाल चुनाव नहीं हारे हैं, इस बार कितनी चुनौती देखते हैं ?

जवाब – मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र को अपने परिवार की तरह देखा है, जिस तरह परिवार में आदमी दुख में सुख में सम्मिलित होता है, उस तरह मैं भी प्रयास करता हूं। जो मेरा क्षेत्र था, वहां पर विकास की बहुत जरुरत थी। मैंने उन उम्मीदों को पूरा भी किया और विकास करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसमें सफल भी हुआ हूं। मेरे क्षेत्र के अंदर पुल बने, फ्लाइओवर बने, हमने मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने की बात की। कुछ चीजें ऐसी हैं, जो क्षेत्र के विकास के लिए बहुत जरुरी थी। हमने प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए योगदान देने का काम किया है। स्वाभाविक रुप से एक परिवार के सदस्य को अपने परिवार के उत्थान के लिए काम करने की आवश्यकता आती है, उसी हिसाब से मैंने काम किया है।  हमारे यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट दो-दो बने हैं, जिनमें सारे शहर का सीवरेज इन दोनों ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित होना है। ये सब काम हुए हैं, तो उससे गर्व भी महसूस होता है औऱ ये भी होता है कि हमने अपने शहर के लिए जनपद के लिए काम करने का भी प्रयास किया है। विकास निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

सवाल – अपने सामने बीजेपी की चुनौती को किस रूप में देखते हैं ?

जवाब – मैं कभी भी इस बात की चिंता नहीं करता हूं कि मेरे विरुद्ध कौन दल या कौन व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है। मैंने 2002 में जब राज्य गठन के बाद पहला चुनाव लड़ा तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी मेरे विरुद्ध चुनाव लड़े थे। मैंने सम्मान के साथ उऩके सामने चुनाव लड़ा और 2007 में भी वो लड़े। 2004 का में मेरा जीत का अंतर 2007 में बढ़ गया और 2007 का जीत का अंतर 2012 में बढ़ गया। ये तो जनता का प्यार है कि मुझे हमेशा ज्यादा से ज्यादा प्यार देती जा रही है। इसलिए मैं ये क्यों मानूं कि  कोई आदमी मेरे लिए चैलेंज खड़ा कर सकता है।

सवाल- स्मार्ट सिटी मामले में राजनीति हुई या इसमें प्रशासनिक स्तर पर चूक हुई ?

जवाब – देहरादून के कुछ लोगों ने स्मार्ट सिटी के नाम पर राजनीति की। जिस तरह से पहले स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव चाय बागान के अंदर आया था, उसमें जबरदस्ती लोगों ने राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाया। लोगों को इस शहर के प्रति मन में दर्द समेटना चाहिए। आज हमारा शहर कनजस्टेड होता जा रहा है। आज शहर के अंदर वाहनों का दबाव बढ़ा है, जाम कि स्थिति बढ़ रही है क्योंकि शहर उस हिसाब से नहीं बना था, जिस हिसाब से इसका विस्तार हो रहा है। इस शहर को हमेशा से एक सैटेलाइट टाउन की अवश्यकता रही है। वो हम देने जा रहे थे स्मार्ट सिटी के रुप में भी। स्मार्ट सिटी के रुप मे केंद्र सरकार का योगदान नगण्य है। सारा पैसा राज्य सरकार को लगाना था। 2300 करोड़ रुपए राज्य सरकार को लगना था। 500 करोड रुपए केंद्र सरकार लगाती, तो भी हम तैयार थे। हम ये महसूस कर रहे थे कि स्मार्ट सिटी का हमारा प्रस्ताव मंजूर हो जाता तो वहां से जो हमारी अर्जित आय को हम शहर के विकास के लिए भी खर्च कर सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने अपनी राजनीति के लिए इसका विरोध किया। मैं ये समझता हूं कि भविष्य में जब कभी भी हमको दोबारा इसका मौका मिले तो हमको स्मार्ट सिटी जरुर बनानी चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर कोई चूक नहीं हुई। क्योंकि ये राजनीतिक फैसला दिल्ली में केंद्रीय मंत्री ने लिया। स्मार्ट सिटी का प्रपोजल मंजूर ना होने के पीछे सिर्फ राजनीति रही।

सवाल – गैरसैंण सिर्फ चुनावी एजेंडा है या सरकार गंभीर है ?

जवाब – राज्य गठन के बाद भाजपा ने देहरादून को अस्थायी राजधानी घोषित किया, नैनीताल को हाईकोर्ट घोषित किया। लेकिन हमने जनभावनाओं के प्रतीक होने के कारण गैरसैण में जन सुविधाओं और अवस्थापना सुविधाओं का बढ़ाने का काम शुरु कर दिया है और भविष्य तय करेगा कि क्या होगा।

सवाल – क्या दिनेश अग्रवाल मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं ?

जवाब – देखिए प्रारब्ध जो है वो दुनिया में सबसे बड़ी चीज है, चाहत से कोई चीज नहीं मिला करती, राजनीति के अंदर आदमी को जो जिम्मेदारी मिले उसका निर्वहन करना चाहिए। बाकी प्रारब्ध जहां ले जाए, वहीं जाया जाता है।

सवाल – 2017 में कांग्रेस सरकार बना रही है ?

जवाब – भाजपा उत्तराखंड में भयभीत स्थिति में घूम रही है। जिस तरह से उसने अपने केंद्रीय नेताओं की बैट्री यहां पर लगाई है उससे उसका भय साफ दिखाई दे रहा है। भाजपा धरातल पर कहीं मौजूद नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैलियों में जब लोग नहीं आए तो भाजपा कहां से मजबूत है। लेकिन हमारी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग खुद आ रहे हैं। लोग जानते हैं कि विकास करने वाले कांग्रेस के लोग हैं, यही विकास करते हैं और यही विकास करेंगे। यही हमारा नारा भी है विकास किया है, विकास करेंगे। निश्चित रुप से इसी नारे के दम पर ही हम उत्तराखंड के अंदर दोबारा प्रचंड बहुमत से सरकार बना रहे हैं।