अतिथि शिक्षकों के मामले में बंधे हैं सरकार के हाथ: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री रावत ने आउट सोर्सिंग के माध्यम से सेवायोजित कार्मिकों से अपील की है कि वे अपने प्रकरणों को उलझायें नहीं, हम संवैधानिक व कानूनी दायरे के अन्तर्गत उनके मामलों को सुलझाने का प्रयास कर रहे है। गेस्ट टीचरों के मामले में भी उच्च न्यायलय के निर्णय से सरकार के हाथ बंधे है। इस प्रकार
 

मुख्यमंत्री रावत ने आउट सोर्सिंग के माध्यम से सेवायोजित कार्मिकों से अपील की है कि वे अपने प्रकरणों  को उलझायें नहीं, हम संवैधानिक व कानूनी दायरे के अन्तर्गत उनके मामलों को सुलझाने का प्रयास कर रहे है।

गेस्ट टीचरों के मामले में भी उच्च न्यायलय के निर्णय से सरकार के हाथ बंधे है। इस प्रकार से एसे मामलों में कॉज ऑफ एक्शन पैदा हो रहा है। नियम व कानून से संबंधित प्रकरणों पर किसी प्रक्रिया के तहत ही कार्यवाही की जा सकती है। गेस्ट टीचरों की भर्ती मामले में भी चयन बोर्ड बनाकर ब्लॉक कैडर में उनकी निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही नियुक्ति की गई थी।

उन्होंने इन सभी कार्मिकों से संयम रखने की भी अपेक्षा की है। इस प्रकार लगभग 55 हजार कार्मिकों की समस्या का तुरन्त समाधान निकालना सम्भव नहीं है। ये सभी लोग संयम रखे, अपने प्रकरण में उलझाव पैदा न करें। इस संबंध में कोई फार्मूला निकालने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भविष्य में राज्य में होने वाली भर्तियों का धीरे-धीरे व्यवस्था के तहत लाया जायेगा, इस संबंध में पुरानी व्यवस्था को अपनाये जाने की व्यवस्था की जायेगी।

उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग से पहले प्रशासनिक ईकाईयों के गठन का मसला भी सुलझा दिया जायेगा। इस संबंध में अभी तक 22 स्थानों से मांगें आयी है। इनका सभी तथ्यों के आधार पर परीक्षण आदि करने पर 02-03 जगह ही सामने आ रही है। इस संबंध में फिर से प्रस्तावों पर कार्यवाही हेतु विचार-विमर्श किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूरा परीक्षण किया जाना जरूरी है ताकि एसे मामलों में सुलझाव के बजाय उलझाव पैदा न हो।