मंथन | पर्यावरण संरक्षण सबकी जिम्मेदारी

पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव व पर्यावरण संरक्षण को लेकर सीआईआई व ब्रिटिश डेप्यूटी हाई कमीशन चंड़ीगढ़ द्वारा देहरादून में आय़ोजित बैठक में पार्यावरण को लेकर गहन मंथन हुआ। उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश स्तर पर लगातार हो रहे पर्यावरण में बदलाव को सुधारने के लिए हम सबको मिलजुल
 

पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव व पर्यावरण संरक्षण को लेकर सीआईआई व ब्रिटिश डेप्यूटी हाई कमीशन चंड़ीगढ़ द्वारा देहरादून में आय़ोजित बैठक में पार्यावरण को लेकर गहन मंथन हुआ। उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश स्तर पर लगातार हो रहे पर्यावरण में बदलाव को सुधारने के लिए हम सबको मिलजुल कर पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी को समझना होगा। वन मंत्री ने कहा कि पहले हमें उत्तराखंड की 15 महत्वपूर्ण नदियों व दर्जनों ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए पहल करनी होगी और जन संरक्षण पर ध्यान देना होगा। अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए स्टेट एक्शन प्लान पर जोर देना आज सबसे बड़ी जरूरत बन गया है और 2020 तक उत्तराखंड सरकार का प्रमुख उदेश्य पर्यावरण का संरक्षण भी है।

वहीं डेविड लैलीओट, ओबीई ब्रिटिश डेप्यूटी हाई कमीशन, चंड़ीगढ़ ने कहा कि वर्ष 2013 में  प्रिंस ऑफ वेल्स के उत्तराखंड दौरे के दौरान पर्यावरण के संरक्षण के तहत विधायकों के लिए कनेटिंग डऑटस नामक ए क्लाईमेट चेंज टूल किट की शुरूआत की गई थी और वर्ष 2014 में सीआईआई व ब्रिटिश डेपेयूटि हाई कमीशन, चंड़ीगढ़ हरीद्वार में अयोजित एमएसएमई कार्याशाला की भी पर्यावरण के संरक्षण हेतु मेजबानी की थी और आज की बैठक भी आगे के विकास पर आधारित है जो कि आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण में काफी सहायक साबित होगी।

मुख्य वन संरक्षक ए आर सिन्हा ने कहा कि लगातार हो रहे मौसम में बदलाव के कारण आज वर्तमान में बारिश के स्तर उत्तराखंड में काफी कम हो गया है जिसके कारण पानी का संकट अभी से दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिर्वतन के कारण आज वर्तमान में प्रदेश के दूर दराज के पहाड़ी क्षेत्रों में खेती की पैदावार को भी प्रभावित किया है जिसके कारण काफी हद तक पहाड़ों में रहने वाले लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।

सीआईआई उत्तराखंड स्टेट काउंसिल के चेयरमैन प्रशांत महाधीक ने कहा कि सीआई आई व उत्तराखंड के विकास साथ साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए नियमित रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि अभी भी हम सब ने मिलजुल कर पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई ठोस नीति व रूपरेखा को तैयार नही किया तो आने वाले में पृथ्वी को बचाना असम्भव हो जाएगा।

बैठक में विधायक हीरा सिंह बिष्ट, प्रेम चंद अग्रवाल और सीआईआई  उत्तराखंड स्टेट काउंसिल के वाईस चेयरमैन सुरेश रेधु भी मौजूद थे। भारतीय वानिकी अनुसन्धान एवं शिक्षा परिषदए वन अनुसन्धान संस्थानए भारतीय वन्यजीव संस्थानए वाड्या हिमालय भूविज्ञान संस्थानए आद्योगिक एवं गैर सरकारी संगठनो के प्रतिनिधिओं ने भी पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया।