कोरोना और H3N2 के बढ़ रहें है मामले, केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश 

देश में बढ़ते कोरोना व इन्फ्लुएंजा के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से सतर्क रहने को कहा है। साथ ही इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों में कोरोनारोधी टीकाकरण और जांच की सुस्त रफ्तार पर भी चिंता जताई है।केंद्र सरकार ने कोरोना व इन्फ्लुएंजा से रोकथाम को लेकर सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की तैयारियों को जांचने के लिए 10 व 11 अप्रैल को देशव्यापी माकड्रिल का निर्णय लिया है।
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) देश में बढ़ते कोरोना व इन्फ्लुएंजा के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से सतर्क रहने को कहा है। साथ ही इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों में कोरोनारोधी टीकाकरण और जांच की सुस्त रफ्तार पर भी चिंता जताई है।केंद्र सरकार ने कोरोना व इन्फ्लुएंजा से रोकथाम को लेकर सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की तैयारियों को जांचने के लिए 10 व 11 अप्रैल को देशव्यापी माकड्रिल का निर्णय लिया है।

इसकी पूरी जानकारी के लिए सोमवार शाम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान सचिव डा राजीव बहल और सचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राजेश भूषण की ओर से राज्यों को भेजे पत्र में कहा गया है कि देश में मध्य फरवरी के बाद कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। यद्यपि इनमें अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले बेहद कम हैं। बावजूद इसके मरीजों की संख्या के दृष्टिगत जन स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि कोरोना और इन्फ्लुएंजा दोनों ही संक्रामक बीमारियां हैं। इनमें काफी समानताएं भी हैं। ऐसे में चिकित्सकों के सामने दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। यद्यपि इन दोनों बीमारियों से एहतियाती कदम उठाकर बचा जा सकता है।

इसके साथ ही उन्होंने राज्यों को कुछ दिशा-निर्देश भी दिए हैं। जिसमें बुजुर्गों व गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को भीड़ भाड़ व दबाव वाले इलाकों से दूर रखने, अस्पतालों में चिकित्सकों व कार्मिकों द्वारा मास्क पहनने, भीड़ भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने, खांसते व छींकते समय रूमाल अथवा टिशू पेपर का इस्तेमाल करने, हाथ धोने व टेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने को कहा है।

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