उत्तराखंड गठन से पहले के पेंशनरों को त्रिवेंद्र सरकार का तोहफा, मिलेगी संशोधित पेंशन

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से अलग राज्य गठन से पहले सेवानिवृत्त होने वाले 1 लाख दस हजार कर्मियों को एक नवंबर 2018 की जगह एक जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन देना स्वीकार कर लिया है। सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान रायपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से अलग राज्य गठन से पहले सेवानिवृत्त होने वाले 1 लाख दस हजार कर्मियों को एक नवंबर 2018 की जगह एक जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन देना स्वीकार कर लिया है।

सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान रायपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने यह प्रश्न पूछा। विधायक का कहना था कि राज्य गठन से पूर्व सेवानिवृत्त कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर संशोधित पेंशन एक नवंबर 2018 से दिया जाना स्वीकार किया गया है।

इन कार्मिकों को पेंशन उत्तराखंड की ओर से दी जाती है लेकिन प्रदेश सरकार को मात्र पांच प्रतिशत ही व्यय भार उठाना होता है। शेष 95 प्रतिशत उत्तर प्रदेश की ओर से वहन किया जाता है।

विधायक ने पूछा कि क्या सरकार केवल पांच प्रतिशत व्यय भार उठाने में सक्षम नहीं है। इन कार्मिकों को एक जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन दी जानी चाहिए और संगठन के स्तर पर भी यही मांग की जा रही है।

इस सवाल का लिखित में जवाब मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया था और उसमें कहा गया कि राज्य के वित्तीय संसाधन पर निर्भर करेगा कि इन कार्मिकों को 2016 से संशोधित पेंशन दी जा सकती है या नहीं।

सदन में संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने इस सवाल का जवाब दिया और कहा कि सरकार इन कार्मिकों को 2016 से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर संशोधित पेंशन देने के लिए तैयार है। कौशिक ने कहा कि करीब 1.10 लाख पेंशनरों को इससे फायदा होगा और सरकार को करीब 180 करोड़ रुपये का व्ययभार वहन करना पड़ेगा।

 

Youtube – http://www.youtube.com/c/UttarakhandPost 

Twitter– https://twitter.com/uttarakhandpost                 

Facebook Page– https://www.facebook.com/Uttrakhandpost