2024 के रण से पहले हरीश रावत का बड़ा ऐलान, क्या कांग्रेस को होगा नुकसान?
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ कर दिया है कि वे अब सक्रिय राजनीति में पहले की तरह एक्टिव नहीं रहेंगे लेकिन सोशल मीडिया के जरिए अपनी उपस्थिति लगातार दर्ज कराते रहेंगे। हरदा ने इसके पीछे अपने बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य का हवाला दिया है।
इस बारे में हरीश रावत कहते हैं- मैं जानता हूं कि स्वास्थ्य, साधन और समय, तीनों मुझसे बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि मैं अपनी गतिविधियों को धीरे-धीरे सीमित करूं। मैंने सोचा था कि कांग्रेस के भराड़ीसैंण/गैरसैंण कूच में मैं सशरीर उपस्थित नहीं रहूंगा, केवल भावनात्मक उपस्थिति रहेगी।
हरदा ने आगे कहा- उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी का संदेश आया है कि ऐसा निर्णय अच्छा नहीं रहेगा अर्थात 13 मार्च, 2023 को मुझे भराड़ीसैंण कूच में कांग्रेस जनों के साथ उपस्थित रहना है, मैं रहूंगा भी। लेकिन एक बात मैं स्पष्ट तौर पर कह देना चाहता हूं कि धीरे-धीरे मुझे अपनी गतिविधियों को सीमित करना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ही मैं, प्रदेश कांग्रेस और कांग्रेस की सेवा में उतना भर योगदान देता हूं जितना एक सक्रियतम नेता को देना चाहिए। हमारे पास राज्य में सक्षम नेताओं की अग्रिम पंक्ति मौजूद है। मैं उनको हार्दिक शुभकामना देकर धीरे-धीरे अपनी गतिविधियों को सीमित कर रहा हूं, आज नहीं तो कल!
बहरहाल हरीश रावत ने स्वास्थ्य, साधन और समय तीनों का हवाला देते हुए ये तो साफ कर दिया है कि उत्तराखंड की राजनीति में अब हरदा कांग्रेस में हर मुद्दे पर सबसे आगे चलते हुए नजर नहीं आएंगे। हालांकि सोशल मीडिया के जरिए वे ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात लगातार लोगों के सामने रखते रहेंगे, ऐसे में देखना ये होगा कि जब 2024 का आम चुनाव सामने है तो हरीश रावत के इस कदम का कांग्रेस पार्टी पर क्या असर पड़ेगा।