साधु वेश ने माता सीता को भी छल दिया था, मैं तो एक साधारण मनुष्य हूं: हरीश रावत
हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर से उनके कथित स्टिंग को लेकर खुलकर अपनी बात रखी और इसके बहाने बीजेपी नेताओं पर उत्तराखंड को बड़े घाव देने का आरोप लगाया है, इतना ही नहीं हरदा ने आने वाले दिनों में बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं को लेकर बड़े खुलासे करने का दावा भी किया है। नीचे जानिए हरदा की पूरा बात-
तथाकथित स्टिंग के प्रकरण से उत्पन्न आर्थिक व राजनीतिक अस्थिरता का नुकसान उत्तराखंड को हुआ और प्रतिष्ठा का नुकसान मुझको और कांग्रेस को हुआ। लाभार्थी भाजपा से लेकर के बहुत सारे लोग हैं, जिनमें स्टिंग बाज और स्टिंग करवाने वाले भी सम्मिलित हैं।
स्टिंग कर्ता के कथानक से यह भी स्पष्ट है कि यह स्टिंग उनके भविष्य के लिए एक इन्वेस्टमेंट था। मैं किसी की प्रतिष्ठा को चोट नहीं पहुंचाना चाहता हूं, जब मैंने स्टिंग का कुछ हिस्सा जारी कर एक तत्कालिक मुख्यमंत्री और उनके बेटे को लेकर स्टिंग कर्ता के वचनों को उजागर किया या आपको उसे दिखाया, तो मेरा मकसद इतना भर था कि इस स्टिंग के सूत्रधार और सूत्रधार का चरित्र आपके सम्मुख स्पष्ट हो जाय, इससे भारतीय जनता पार्टी का चरित्र भी स्पष्ट हुआ है।
स्टिंग के इस हिस्से को देखने के बाद जिसमें भारतीय जनता पार्टी के दो राष्ट्रीय नेताओं का नाम खुलकर के सामने आया है और विधायकों के खरीद-फरोख्त का स्टिंगकर्ता ने उन्हीं को सूत्रधार बताया है, इस बात का भाजपा की तरफ से अभी तक कोई खंडन नहीं आया है। तत्कालिक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-साथ विजयवर्गीय भी भाजपा के शीर्ष नेता हैं।
विजयवर्गीय ने यूं भी उत्तराखंड को एक से अधिक घाव लगाये हैं, समय आने पर यह तथ्य भी पूर्णतः सामने आयेगा। इस तथाकथित स्टिंग से लेकर विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के कई शीर्ष नेता संदिग्ध हैं।
मैं प्रयास करूंगा कि आगे आने वाले दिनों में उनके चेहरे भी आपके सामने लाऊं। हमारे कुछ दोस्त जो इस समस्त स्टिंग प्रकरण से आहत हैं उनकी मुझसे एक गम्भीर शिकायत है कि मैंने क्यों स्टिंग कर्ता से बातचीत की? साधू वेश ने माता सीता को भी छल दिया था, मैं तो एक साधारण मनुष्य हूं।
पत्रकार के वेश ने मुझे छला और उसके लिए पृष्ठभूमि बनाने में कई लोगों का जाने-अंजाने में हाथ रहा है! उस समय देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून के मध्य कई ऐसे संदेश भेजे जा रहे थे कि दल-बदलू नेता वापस आना चाहते हैं, हरीश रावत उन्हें वापस लेना नहीं चाहते हैं। कुछ लोग इस बात को भी फैला रहे थे कि हरीश रावत ने जानबूझकर के पार्टी में दल-बदल होने दिया है ताकि उनके विरोधी पार्टी से बाहर हो जाएं।
तीन आदरणीय महिलाएं जिनमें दो अविवाहित और एक विवाहित महिला हैं। उन लोगों ने मेरे पास आकर आंसूओं के साथ मुझसे यह निवेदन किया कि मैं, एक व्यक्ति विशेष से बात तो कर लूं ! उस व्यक्ति का नाम लेकर के कहा कि वो बहुत भावुक हैं, किसी के उकसावे में गलती कर बैठे हैं, अपनी गलती सुधारना चाहते हैं उनसे आप बात तो कर लीजिए।
उन्होंने यह आग्रह अलग-अलग, बार-बार दोहराया, विवाहित महिला ने अपने बच्चे की कसम देकर मुझसे बात करने का आग्रह करते हुए मोबाइल मिलाकर मेरे हाथ में पकड़ाया! मैं मनुष्य हूं इन सब बातों का मेरे ऊपर असर पड़ना स्वाभाविक था, यूं भी मैं एक असाधारण तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहा था, उस स्थिति में पूर्ण मानसिक और शाब्दिक संतुलन बनाए रखना किसी भी व्यक्ति के लिए कठिन है।
मेरी स्थिति माता अहिल्या सी है जिसे इंद्र के छल के कारण पाषाण होना पड़ा। मगर इतिहास ने राम के स्पर्श के रूप में अपनी उस गलती को सुधारा और पुरुष प्रधान समाज की गलतियों का दुष्परिणाम भुगत चुकी पांच श्रेष्ठ महिलाओं को मातृ स्वरूप कन्या के रूप में हमेशा के लिए पूज्यनीय बनाया। मगर इंद्र को अभिशाप न देकर की गई गलती का दुष्परिणाम समाज को बार-बार भुगतना पड़ा।
उत्तराखंड का दल-बदल भाजपा का ऐतिहासिक पाप कर्म था, न्यायपालिका ने भी उसे महापाप घोषित किया! मगर उत्तराखंड का समय भाजपा को दंडित करने से चूक गया और उसी का परिणाम है कि पिछले 6 वर्षों से उत्तराखंड अक्षम सरकारों का बोझ उठाये फिर रहा है।
हरदा ने आखिर में कहा- उस कालखंड में जो कुछ घटित हुआ मैं धीरे-धीरे सब कुछ आपके सम्मुख रख रहा हूं और इस विश्वास के साथ रख रहा हूं कि कभी तो आप शैतान को शैतान कहने का साहस जुटाएंगे।