जानें – कैसे तैयार होगा ‘उत्तराखण्ड विजन 2030’

मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने बुधवार को सचिवालय में सत्त विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड विजन डाक्यूमेंट एंड पालिसी रोडमैप विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला में मानव विकास, सतत् आजीविका, सामाजिक विकास और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी पर अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जायेगी। मानव विकास के तहत समान
 

मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने बुधवार को सचिवालय में सत्त विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड विजन डाक्यूमेंट एंड पालिसी रोडमैप विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।

कार्यशाला में मानव विकास, सतत् आजीविका, सामाजिक विकास और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी पर अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जायेगी। मानव विकास के तहत समान और गुणवत्ता परक शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, स्वच्छ जल और स्वच्छता शामिल है। सतत् आजीविका के शून्य भूखमरी, नवोन्मेष और अवस्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

कार्यशाला में सामाजिक विकास के अंतर्गत लिंग की समानता, असमानता कम करना, शांति, न्याय और सुदृढ संस्थानों पर विचार किया जायेगा। पर्यावरण संरक्षण में साफ उर्जा, स्वच्छ शहर और समुदाय, धरती और पानी के नीचे के जीवन, जलवायु के लिए कार्य आदि पर विजन तैयार किया जाना है।
बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक संसाधन की बहुलता है। जीएसडीपी वृद्धि दर उच्च है। वर्ष 2004-05 से वर्ष 2014-15 तक 15 प्रतिशत वृद्धि दर है। मानव विकास के अच्छे संकेतक हैं। पर्यटन विकास की प्रचुर संभावना है। जल विद्युत उत्पादन की संभावना है। उत्तराखण्ड विजन 2030 तैयार करते समय इन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाय। राज्य की वर्तमान स्थिति और भविष्य के लक्ष्य के बीच जो गैप है, उसका विश्लेषण किया जायेगा। उसके अनुसार गैप को दूर करने के लिए रणनीति तैयार की जायेगी। बताया गया कि पालिसी रोडमैप तैयार करते समय सबसे पहले गैप एनालिसिस का त्वरित आकलन किया जायेगा। इसके बाद 2030 के लक्ष्यों की प्राथमिकता तय की जायेगी।
गौरतलब है कि नीति आयोग ने स्टेट विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार करने के लिए कहा है। उत्तराखण्ड ने पहला मानव विकास रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। मानव विकास रिपोर्ट और विजन डाक्यूमेंट के आधार पर राज्य के विकास का रोडमैप करना है। इन दोनों कार्यों के लिए इंस्टीट्यूट फाॅर हयूमन डेवलमेंट, नई दिल्ली को नामित किया गया है।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पवांर, सचिव परिवहन एनएस नपलच्याल, सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव पेयजल अरविंद सिंह हयांकी सहित शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, इंस्टीट्यूट फाॅर हयूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के चेयरमैन एसआर हाशिमी, आईएचडी के निदेशक प्रो0 अलख एन शर्मा, प्रो0 एके शिव कुमार, प्रो. सारथी आचार्य सहित अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।