उत्तराखंड | मां को 10 घंटे तक नहीं बताई मेजर बेटे के शहादत की खबर, ये है वजह

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) आतंकियों को ढेर करने में देहरादून के मेजर विभूती ढौंडियाल शहीद हो गए। मेजर चित्रेश और मेजर विभूती की शहादत से पूर उत्तराखंड में मातम पसर गया है। पुलावामा में हुए आतंकि हमले के बाद से उत्तराखंड के दो जवान और दो मेजर शहीद हो चुके है। रविवार को मेजर चित्रेश की
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) आतंकियों को ढेर करने में देहरादून के मेजर विभूती ढौंडियाल शहीद हो गए। मेजर चित्रेश और मेजर विभूती की शहादत से पूर उत्तराखंड में मातम पसर गया है। पुलावामा में हुए आतंकि हमले के बाद से उत्तराखंड के दो जवान और दो मेजर शहीद हो चुके है।

रविवार को मेजर चित्रेश की अंतिम यात्रा में हर कोई रोया। शहादत के 19 दिन बाद 7 मार्च को उनकी शादी थी। इसके बाद मेजर वीभूती ढौंडियाल भी अपने देश के लिए शहीद हो गए। मेजर वीभूती की शादी को अभी डेढ़ साल ही हुआ था।

बताया गया कि शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की शहादत की खबर उनकी मां से 10 घंटे तक छिपाई रखी गई। इसके पीछे का कारण बेहद भावुक करने वाला है। दरअसल, शहीद मेजर विभूति की मां दिल की मरीज है। हालांकि देर शाम जब मेजर की पत्नी निकिता और मामा आरएम पोखरियाल देहरादून पहुंचे तो इसके बाद उन्होंने शहादत की खबर बताई। खबर सुनने के बाद से मां का रो-रोकर बुरा हाल है।

मेजर की मां का इलाज चल रहा है। इस वजह से पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने मां को यह खबर नहीं सुनाई। दिनभर बीत गया। मां को केवल इतना पता था कि उनके बेटे के पैर में गोली लगी है। वह अस्पताल में भर्ती है। मेजर विभूति की एक बहन शाम को पार्थिव शरीर के पास आकर खड़ी हो गई। उसी आंखों में एक सवाल था। वह ताबूत में अपने भाई का शरीर मानने को तैयार नहीं थी। आसपास खड़े रिश्तेदारों ने समझाया। बहन ने ताबूत को हाथ से छुआ लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह गहरे सदमे में चली गई है औप रो भी नहीं पा रही है।

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