उत्तराखंड में अब ऐसे मिलेगा बारिश और मौसम का सटीक अनुमान
उत्तराखण्ड सरकार सभी 95 विकासखण्डों में एक-एक आटोमेटेड वेदर स्टेशन और आटोमेटेड रेन गेज स्थापित करेगी। दूसरे चरण में ग्राम पंचायत तक इसका विस्तार किया जायेगा। इससे बारिश और मौसम के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इस बारे में सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और कर्नाटक स्टेट नेचुरल डिजास्टर माॅनिटरिंग
Aug 8, 2016, 20:51 IST
उत्तराखण्ड सरकार सभी 95 विकासखण्डों में एक-एक आटोमेटेड वेदर स्टेशन और आटोमेटेड रेन गेज स्थापित करेगी। दूसरे चरण में ग्राम पंचायत तक इसका विस्तार किया जायेगा। इससे बारिश और मौसम के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इस बारे में सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और कर्नाटक स्टेट नेचुरल डिजास्टर माॅनिटरिंग मैकेनिज्म (के.एस.एन.डी.एम.) के निदेशक जीएस श्रीनिवास रेड्डी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।
विश्व बैंक की परियोजना हाइड्रो मीट्रोलाजिकल नेटवर्क के तरह उत्तराखण्ड सरकार राज्य में भूस्खलन, बादल फटने, अतिवृष्टि आदि दैवीय आपदा के बारे में पूर्वानुमान का कारगर नेटवर्क स्थापित करेगा। इस मामले में कर्नाटक सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर तक नेटवर्क बनाया है। उत्तराखण्ड सरकार कर्नाटक माॅडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए तकनीकी सहयोग लेगा। कर्नाटक में जीपीआरएस आधारित टेलीमैट्रिक रेनगेज स्टेशन है। ये सौर उर्जा से संचालित होते है। इसके अलावा सेंसर आधारित वेदर स्टेशन है।
ग्राम पंचायत स्तर तक मौसम विज्ञानी पूर्वानुमान की जानकारी किसानों को देते है। लगभग 10 लाख एसएमएस किसानों को मौसम के बारे में रोज दिये जाते है। इसके अलावा 24 घंटे मित्र वरूण हेल्पलाइन सेवा चलती है। कर्नाटक सरकार की इस विशेषज्ञता को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने अपने यहां भी ऐसे नेटवर्क की स्थापना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किये हैं।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी, अपर सचिव आपदा प्रबंधन सी रविशंकर, डीएमएमसी के निदेशक पीयूष रौतेला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।