झाड़ियों में हजारों गैस सिलेंडर मीलने से मची सनसनी, सामने आया बड़ा घोटाला
लखनऊ (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तर प्रदेश से एक सनसनीखेज खबर सामने आयी है। यहां पांच हजार से ज़्यादा रसोई गैस सिलेंडर झाड़ियों से बरामद होने से सनसनी मच गयी है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना यूपी के बलरामपुर से सामने आयी है। सभी सिलेंडर भारत-नेपाल बॉर्डर की एक गैस एंजेसी के गोदाम के साथ ही झाड़ियों में छिपाकर रखे गए थे। माना जा हा है कि यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट उज्जवला योजना का ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है।
इस घोटाले का पता तब चला जब कुछ लोगों ने झाड़ियों में सिलेंडरों को देखा। इसके बाद प्रशासन को खबर दी गई। प्रशासन ने फौरन ही गैस एजेंसी को सील कर दिया और छिपाकर रखे गैस सिलेंडरों को इकट्ठा किया गया जो पांच हज़ार के करीब पाये गये हैं। बताया गया कि गैस एंजेसी में इन सिलेंडरों को लेकर कोई भी रिकॉर्ड तक नहीं मिला है। कलेक्टर ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। दो दिन से इस बड़े घोटाले की जांच चल रही है।
जानकारी के मुताबिक 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत हुई थी तब बलरामपुर में भारत-नेपाल सीमा पर मौजूद भार्गव इंडियन गैस एंजेसी से गैस देने के नाम पर ग्रामीणों से फॉर्म भरवाए गए थे। एजेंसी को जब गैस, सिलेंडर, चूल्हा और रेग्युलेटर भेज दिये गये तब एंजेसी ने उसे अपने कस्टमर्स तक पहुंचाने की बजाय इन्हें स्टोर करना शुरू कर दिया।
बताया गया कि एंजेसी ने गैस कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली की। जांच में पता चला कि इस गैस एजेंसी के पास करीब 9000 उज्जवला योजना के कनेक्शन हैं और 691 कनेक्शन नॉर्मल हैं। एजेंसी सीज करने के बाद अभी तक अलग-अलग जगह से छानबीन में करीब 4000 सिलेंडर खाली और 1000 भरे गैस सिलेंडर बरामद हुए हैं।
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