त्रिवेंद्र सरकार से बिलकुल अलग होगी तीरथ कैबिनेट ! समझिए गणित

तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रीमंडल का भी विस्तार हो चुका है। 8 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट का गठन भी हो चुका है। बीते शुक्रवार को 8 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। तीरश सरकार में 7 मंत्री पिछली त्रिवेंद्र सरकार में भी मंत्री थे जबकि 4 नए विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
 

मुंबई (उत्तराखंड पोस्ट) तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रीमंडल का भी विस्तार हो चुका है। 8 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट का गठन भी हो चुका है। बीते शुक्रवार को 8 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। तीरश सरकार में 7 मंत्री पिछली त्रिवेंद्र सरकार में भी मंत्री थे जबकि 4 नए विधायकों को मंत्री बनाया गया है।

कैबिनेट के विस्तार के बाद कैबिनेट की पहली बैठक भी हो चुकी है। लेकिन अब तक मंत्रियों के विभागों को बंटवारा नहीं हो पाया है। ऐसे में चर्चा का बाजार गर्म है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलेगा।

माना जा रहा है कि मंगलवार को मंत्रियों को उनके विभाग दए जा सकते है। ऐसे में प्रदेश में चर्चा का बाजार गर्म है। पिछली त्रिवेंद्र सरकार की अगर बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पास महत्वपूर्ण विभाग रखे थे। जबकि 3 मंत्रियों के पद पिछली त्रिवेंद्र सरकार में खाली चल रहे थे। नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तराखंड में आयी तीरथ सरकार की अगर बात करें तो इसमें भी पुरानी कैबिनेट से ज्यादा बदलाव नही किए गए है। 7 मंत्री पिछली सरकार में भी मंत्री थे और उनके पास काफी महत्वपूर्ण विभाग थे। बड़ा बदलाव यह हुआ है कि 4 नए विधायकों को मंत्री पद दिया गया है, जबकि पिछली सरकार में मंत्री रहे मदन कौशिक को इस बार मंत्री पद नही दिया गया है। तीरथ सरकार में मदन कौशिक को अहम जिम्मेदारी दी गयी है, उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

अब सवाल ये है कि 4 मंत्री नए है तो क्या उन्हें बड़ा विभाग मिलेगा ? क्या पिछली सरकार में भी मंत्री रहे तीरथ सरकार के 7 मंत्रियों को पिछली सरकार में मिले विभाग ही दिए जाएंगे ? पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद उन्होंने वित्त विभाग भी अपने पास रखा था। अब सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री तीरथ भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की राह पर चलेंगे या इसके उलट अपने पास कम विभाग रखेंगे ?