हल्द्वानी और ऋषिकेश में बनेंगे दो अस्थाई अस्पताल, रेमडेसिवीर इंजेक्शन का पर्याप्त कोटा

प्रदेश में  कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने दो दिनों में  7 मिड लेवल अस्पतालों की अतिरिक्त व्यवस्था की हैं जिसके बाद राज्य में 700 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 39 आईसीयू और दो वेंटीलेटर अतिरिक्त बढ़ गए हैं।
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) प्रदेश में  कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने दो दिनों में  7 मिड लेवल अस्पतालों की अतिरिक्त व्यवस्था की हैं जिसके बाद राज्य में 700 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 39 आईसीयू और दो वेंटीलेटर अतिरिक्त बढ़ गए हैं।

सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडेय ने मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि बीते राज्य सरकार के पास वर्तमान में 12 कोविड अस्पताल,62 डीसीएससी और 385 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि राज्य में 17 हजार के करीब अस्पतालों में बेड हैं जबकि 5500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1302 आईसीयू बेड, 774 वेंटिलेटर कोविड के लिए इस्तमाल किए जा रहे हैं।

जल्द हल्द्वानी और ऋषिकेश में बनेंगे दो अस्थाई अस्पताल

सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री  द्वारा भारत सरकार को अनुरोध किया गया था जिसके बाद डीआरडीओ की मदद से दो अस्थाई अस्पताल बनने जा रहे हैं। कुमाऊ क्षेत्र के लिए यह अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज कैम्पस में बनेगा जिसे सुशीला तिवारी अस्पताल हाई संचालित करेगा। इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र के लिए अस्थाई अस्पताल आईडीपीएल ऋषिकेश में बनेगा जिसे एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा। इन दोनों अस्थाई अस्पतालों में 500 -500 बैड की क्षमता होगी।

हल्द्वानी में बनने वाले अस्थाई अस्पताल में 400 ऑक्सीजन बेड एवं 100 आईसीयू बेड बनाए जाएंगे, जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में 500 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड बनेंगे तथा राज्य सरकार की मदद से एम्स ऋषिकेश में 100 आईसीयू बेड अलग से बनाए जाएंगे। इसके अलावा हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट में डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बेड तैयार किए जाएंगे।  सचिव पंकज पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को पूरी उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों के भीतर डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन और आईसीयू सपोर्टेड 1400 नए बेड तैयार हो जाएँगे।

सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पाण्डेय ने यह भी बताया कि प्रदेश में रेमडीसिवर इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र को पत्र लिखते हुए अतिरिक्त  इंजेक्शन की मांग की गई है।

दवाओं की कालाबाजारी के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम

सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि रिमिडीसिवर इंजेक्शन के रेट तय करते हुए अस्पतालों को उसी दामों पर इंजेक्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है।उन्होंने बताया कि इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी हेतु कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है। आम जनता काला बाज़ारी हेतु इन नम्बरों 0135 2656202, 9412029536 इन नंबरों के जरिए आम आदमी दवाओं की कालाबाजारी शिकायत कर सकते हैं।

300 रुपए की गई रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर

 

इसके अलावा सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि  सरकार ने कोविड सम्बंधी जरूरी व्यवस्थाओं हेतु अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी देते हुए नोडल अधिकारी तैनात किया गया है, जिनसे रोजाना कार्य प्रगति रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार द्वारा ली जाती है। यह भी बताया कि प्रदेश के नर्सिंग छात्रों को जिलेवार मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से तैनाती दी जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को भी कम करते हुए अब मात्र ₹300 कर दिया गया है।