उत्तराखंड | अब हर साल इतने फीसदी बढ़ेगा वाहनों का टैक्स, धामी कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव!
अभी तक निजी वाहनों के लिए टैक्स बढ़ोतरी पड़ोसी राज्यों के टैक्स का अध्ययन करने के बाद तय किया जाता है। पिछली बार पांच लाख तक के वाहनों का 8 प्रतिशत, पांच से 10 लाख के वाहनों का 9 और 10 लाख रुपये से ऊपर कीमत के वाहनों का 10 प्रतिशत तय हुआ था।
सहारनपुर (उत्तराखंड पोस्ट) पड़ोंसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक भाई ने सिर्फ इसलिए अपनी बहन की हत्या कर दी क्योंकि वह मोबाल चला रही थी। बहन की हत्या के बाद भाई फरार हो गया, जिसके बाद मां ने अपने बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
हैरान कर देने वाली ये घटना सहारनपुर के देहात क्षेत्र के शेखपुरा कदीम की है। यहां रविवार को बहन मुस्कान अपने भाई और मां के साथ घर पर थी और वह मोबाइल चला रही थी जिसे लेकर भाई आदित्य ने उसे डांटा। दोनों के बीच इसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ी कि आदित्य ने जेब से पिस्टल निकाली और मुस्कान के सिर पर गोली मार दी, फिर वहां से फरार हो गया।
गोली की आवाज सुनकर मां दौड़ती हुई उस कमरे में पहुंची जहां मुस्कान थी, देखा कि वह खून से लथपथ हालत में जमीन पर पड़ी हुई है। मां ने चीख-पुकार मचाई तो आस-पास के लोग भी वहां आ पहुंचे, इसके बाद परिजन तुरंत मुस्कान को नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी भाई की तलाश शुरू कर दी है।
एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि घटना रविवार शाम 8:15 बजे की है, उन्हें अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक मां अपनी बेटी को लेकर यहां पहुंची है। लड़की के सिर पर गोली लगी है लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही लड़की की मौत हो चुकी थी। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। मां की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। एसपी ने कहा कि हमने पुलिस की कुछ टीमों को आरोपी को ढूंढने के लिए लगा दिया है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) देश में अभी तक वाहनों का टैक्स संशोधन का कोई फार्मूला तय नहीं है। कई-कई साल तक मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स नहीं बढ़ पाता, वजह कई साल से वाहनों के टैक्स की दरों में संशोधन नहीं हुआ है। अब उत्तराखंड सरकार तैयारी कर रही है, जिससे हर पांच साल में टैक्स में बढ़ोतरी हो जाएगी।
संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया, विभाग एक ऐसा फार्मूला तैयार कर रहा है, जिससे हर साल पांच प्रतिशत की टैक्स बढ़ोतरी हो जाएगी। निजी वाहनों का टैक्स उनकी कीमत के हिसाब से होता है, जिसमें उस हिसाब से ही बढ़ोतरी होती है, लेकिन मालवाहक वाहनों का टैक्स वजन के हिसाब से और सवारी वाहनों का टैक्स उनके हिसाब से होता है।
लिहाजा, इस फार्मूले के तहत इस टैक्स में हर साल स्वत: पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे वाहन मालिकों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। इसका प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा, जिस पर निर्णय होने के बाद ही लागू होगा।
हर साल निजी बस, रोडवेज, ऑटो, विक्रम समेत तमाम सवारी वाहनों का किराया व भारी वाहनों का मालभाड़ा संशोधन के लिए भी फार्मूला तैयार हो रहा है। पूर्व में एक बार ये प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में आया था, जिसमें कुछ संशोधन को कहा गया था। उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में बनी समिति इसका फार्मूला तैयार कर रही है। यह प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लाया जाएगा, जिससे पास होने के बाद ही ये लागू होगा।
अभी तक निजी वाहनों के लिए टैक्स बढ़ोतरी पड़ोसी राज्यों के टैक्स का अध्ययन करने के बाद तय किया जाता है। पिछली बार पांच लाख तक के वाहनों का 8 प्रतिशत, पांच से 10 लाख के वाहनों का 9 और 10 लाख रुपये से ऊपर कीमत के वाहनों का 10 प्रतिशत तय हुआ था।
वहीं सवारी वाहन के लिए पहाड़ में उन क्षेत्रों को देखा जाता है, जहां परिवहन के साधन कम हैं और जरूरत ज्यादा है। ऐसे क्षेत्रों में निजी सवारी वाहनों का टैक्स अन्य के मुकाबले काफी कम रखा जाता है जबकि लोडिंग वाहन के लिए टैक्स अन्य राज्यों का टैक्स देखने के साथ ही राजस्व लक्ष्य, महंगाई आदि का मद्देनजर रखकर तय किया जाता है। यह रुपये प्रति टन प्रति तिमाही के हिसाब से तय होता है।