भाजपा को झटका, BJP विधायक भीमलाल की सदस्यता बरकरार

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। भाजपा के निलंबित विधायक भीमलाल आर्य की विधानसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक की याचिका को खारिज कर दिया। कौशिक ने व्हिप के उल्लंघन का मामला बनाते हुए दल बदल कानून के तहत भीमलाल की विधानसभा सदस्यता
 

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। भाजपा के निलंबित विधायक भीमलाल आर्य की विधानसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक की याचिका को खारिज कर दिया। कौशिक ने व्हिप के उल्लंघन का मामला बनाते हुए दल बदल कानून के तहत भीमलाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए याचिका दी थी।

भीमलाल ने व्हिप को नहीं माना

भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक की ओर से याचिका में मुख्य रूप से दो मामले भीमलाल के खिलाफ उठाए गए थे। जिसमें कहा गया था कि छह मार्च को जारी पार्टी के व्हिप को घनसाली विधायक भीमलाल आर्य ने नहीं माना। साथ ही कहा गया कि 18 मार्च को भाजपा विधानमंडल दल ने वित्त विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की मांग का निर्णय लिया था, भीमलाल इसमें भी शामिल नहीं हुए और सदन में नहीं आए।

भीमलाल ने दिया कांग्रेस का साथ

भीमलाल पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा गया कि भीमलाल ने कांग्रेस का साथ देने की एवज में उस समय सरकार की ओर से दिए गए डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह समिति के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) पद को भी स्वीकार किया।

मुझे नहीं मिला कोई व्हिप

इसके जवाब में भीमलाल आर्य ने साफ कहा कि उन्हें पांच मई 2015 को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद से ही पार्टी की बैठकों, विधानमंडल दल की बैठकों में उन्हें नहीं बुलाया जाता था।  भीमलाल ने छह मार्च को जारी व्हिप के नहीं मिलने का दावा किया। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए फैसले में कहा गया कि मुख्य सचेतक की ओर से भीमलाल को कोई व्हिप उपलब्ध कराया ही नहीं गया।

अंबेडकर जयंती समारोह समिति में उपाध्यक्ष बनाए जाने के मामले पर भी पीठ ने विचार किया। पीठ ने भी माना कि समिति में उपाध्यक्ष बनाए जाने मात्र से दल बदल कानून के तहत सदस्यता को समाप्त करने का आधार नहीं बनता।