उत्तराखंड | छात्रों के लिए बड़ी ख़बर, ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष में अब इस आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति

12वीं पास जो युवा 80 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले हैं, उन्हें उच्च शिक्षा के लिए सरकारी डिग्री कॉलेज या सरकारी विवि में दाखिले पर ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष से ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें समर्थ पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

 
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के छात्रों के लिए अच्छी ख़बर है। राज्य की धामी सरकार इसी सत्र से छात्रों को छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत करने जा रही है।

12वीं पास जो युवा 80 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले हैं, उन्हें उच्च शिक्षा के लिए सरकारी डिग्री कॉलेज या सरकारी विवि में दाखिले पर ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष से ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें समर्थ पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

<a href=https://youtube.com/embed/y-Lc2fF0lFo?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/y-Lc2fF0lFo/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

  • मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति प्रोत्साहन योजना का लाभ राज्य के सभी सरकारी डिग्री कॉलेज, राज्य विवि के परिसरों में पढ़ने वाले रेगुलर छात्रों को मिलेगा।
  • योजना की शुरुआत सत्र 2023-24 से की जाएगी। स्नातक प्रथम वर्ष में प्राप्त होने वाली छात्रवृत्ति के लिए 12वीं में न्यूनतम 80 प्रतिशत अंक और अग्रेत्तर वर्षों के लिए कम से कम 60 प्रतिशत अंक व 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी।
  • योजना के तहत स्नातक स्तर पर सभी वर्षों में प्रत्येक संकाय में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • दो वर्षीय पीजी होने की दशा में पीजी अंतिम वर्ष में, प्रथम वर्ष के प्राप्त अंकों के आधार पर प्रत्येक सरकारी डिग्री कॉलेज, विवि परिसर में विभिन्न संकायों में विषयवार पीजी स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष और पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बाद प्राप्त अंकों के आधार पर ऐसे छात्र-छात्राओं का चयन किया जाएगा, जिन्होंने अपने कॉलेज-विवि में संबंधित संकाय में स्नातक स्तर पर कुल परिणाम के आधार पर न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम, द्वितीय या तृतीय स्थान हासिल किया हो।

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योजना के लिए हर साल 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। छात्रवृत्ति के लिए छात्रों को समर्थ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करते हुए आवेदन करना अनिवार्य होगा। छात्रवृत्ति की राशि दो किश्तों में छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी।

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