उत्तराखंड | CM धामी ने पत्नी संग देखी “द केरला स्टोरी” फ़िल्म, दिया बड़ा बयान

मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि बिना गोली और बारूद का प्रयोग कर हमारे युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर उनका भविष्य बर्बाद करना ही इन आतंकवादियों का उद्देश्य है।
 
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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हाथीबड़कला स्थित सेंट्रियो मॉल में सपरिवार दि केरला स्टोरी फिल्म का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि द केरल स्टोरी एक ऐसी फिल्म है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे बिना गोली और बम के देश में आतंकवाद फैलाया जा रहा है। फ़िल्म में इस तथ्य को भी प्रदर्शित किया गया है कि किस तरह से  बालिकाओं का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्होंने इस फिल्म को वास्तविकता से परिचित कराने तथा धर्मान्तरण एवं आतंकवाद के विरूद्ध जनजागरूकता को बढ़ावा देने वाली बताते हुए सभी से इस फिल्म को देखने की भी अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि बिना गोली और बारूद का प्रयोग कर हमारे युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर उनका भविष्य बर्बाद करना ही इन आतंकवादियों का उद्देश्य है।

<a href=https://youtube.com/embed/RMz510wDkKk?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/RMz510wDkKk/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साथ ही कहा कि कुछ राष्ट्रविरोधी राजनीतिक दलों का संरक्षण भी ऐसे साजिशकर्ताओं को बल प्रदान कर रहा है। आप सभी इस फ़िल्म को अवश्य देखें!

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भी अनेक तरीकों से विभिन्न जगहों पर धर्मांतरण हो रहा था। यह राज्य में भविष्य के लिए एक गंभीर विषय बनता जा रहा था। इसी के दृष्टिगत हमने देवभूमि उत्तराखंड में  धर्मांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाया गया है। इसमें जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है जिसमें धर्मांतरण कराने के मामलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। एकल धर्मांतरण के लिए सजा कम है, जबकि सामूहिक धर्मांतरण में ज्यादा सजा होगी।  

सामूहिक धर्मांतरण का दोष साबित होने पर दोषी को तीन से 10 वर्ष की सजा के साथ 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जबकि एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर दो से सात वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं विशिष्ट पहचान के साथ उसका मूल स्वरूप बचा रहे और प्रदेश में अनावश्यक किसी भी प्रकार का  धर्मांतरण न हो पाए, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा की गई यह महत्वपूर्ण पहल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांतरण के साथ ही हमारी सरकार द्वारा देवभूमि में सरकारी भूमि पर किये गये अतिक्रमण को चिन्हित कर उसे सख्ती से हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में होने वाले अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा तथा ऐसा कृत्य करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।