उत्तराखंड | बच सकती थी चारों मासूमों की जान? एक के बाद एक सुनाई दिए 4 धमाके 

उत्तराखंड से एक दर्दनाक खबर मिली है। बृहस्पविार को देहरादून में त्यूनी में लकड़ी के चार मंजिला घर में आग लग गई, जिसमें चार मासूम जिंदा जल गए। हादसा रसोई गैस सिलिंडर बदलते समय हुआ। चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके साथ फटे तो पूरा क्षेत्र दहल गया।
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से एक दर्दनाक खबर मिली है। बृहस्पविार को देहरादून में त्यूनी में लकड़ी के चार मंजिला घर में आग लग गई, जिसमें चार मासूम जिंदा जल गए। हादसा रसोई गैस सिलिंडर बदलते समय हुआ। चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके साथ फटे तो पूरा क्षेत्र दहल गया।

इस भीषण अग्निकांड में चार मासूम जल कर राख हो गए। परिजनों को उनके शव तक नसीब नहीं हुए। आग का मंजर बेहद खौफनाक था। स्थिति यह थी कि कोई भी आग की लपटों में घिरे मासूमों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हर कोई भीषण आग के आगे बेबस नजर आया। बच्चों को न बचा पाने का दर्द स्थानीय लोगों की आंखों में साफ दिखाई दिया।

आग लगने की घटना में सबसे बड़ी कमी फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली में दिखाई दी। आग लगने वाले स्थान से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर अग्निशमन वाहन मौजूद था, जो सूचना मिलने के ठीक बीस मिनट में मौके पर पहुंच गया। लेकिन जैसे ही मकान पर पानी डालने की कार्रवाई शुरू की गई, वाहन में पानी खत्म हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तब तक मकान के सिर्फ एक कमरे में आग लगी थी। उनका दावा है कि यदि वाहन में पानी का पर्याप्त इंतजाम होता तो आग को तुरंत बुझा लिया जाता। अग्निशमन वाहन में पानी समाप्त हो जाने के कारण फायरकर्मी वाहन को पानी भरने के लिए लेकर चले गए। घटनास्थल से छह किलोमीटर दूर कठंग नामक स्थान से फायरकर्मी लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी लेकर पहुंचे लेकिन तब तक मकान पूरी तरह आग पकड़ चुका था।

बताया गया कि मकान में मकान मालिक समेत छह परिवार रहते थे। आग लगने से घर में मौजूद एलपीजी सिलिंडर फटते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक चार सिलिंडर के फटने की आवाज उन्होंने इस दौरान सुनी। मकान के निचले हिस्से में एक राशन का गोदाम, एक फर्नीचर की दुकान व एक सिलाई की दुकान थी। आग लगने की घटना में गोदाम व दोनों दुकानें और उनमें रखा सारा सामान भी जलकर राख हो गया। पहले धमाके की आवाज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। आशंका जताई जा रही है कि यह धमका घरेलू गैस सिलिंडर फटने के कारण हुआ, जिसकी वजह से चंद मिनटों में मकान के सबसे ऊपर की मंजिल भीषण आग की चपेट में आ गई। देखते ही देखते दूसरा धमका हो गया। इससे पहले की लोग मदद करने की हिम्मत जुटाते तीसरा धमका भी हो गया। चौथे धमाके के साथ पूरा त्यूनी बाजार दहल गया। हर कोई धमाकों की आवाज सुनकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। आग की लपटों की तपिश इतनी तेज थी कि कई मीटर दूर तक तक गर्मी का एहसास करा रही थी। लोगों ने आग बुझाने के लिए आसपास की पाइप लाइनों तक को तोड़ डाला, ताकि आग को बुझा सके, लेकिन भीषण आग के आगे उनकी एक न चली। सभी धूं-धूं कर जलते घरों को बेबस देखते नजर आए।

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