विधानसभा में पुराना बजट ही पारित करवाएगी सरकार: वित्त मंत्री
गौरतलब है कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग बिल पेश करने के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों ने बगावत कर दी थी, जिसके चलते विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था। ऐसे में रावत सरकार ने विनियोग विधेयक को पारित बताकर इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया था। लेकिन राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के चलते 54 दिन के राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी।
इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने राज्य का शासन चलाने के लिए चार महीने के लिए 13,600 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थे। इसमें वेतन, भत्ते व कुछ जरूरी खर्च ही शामिल थे। जिसके बाद से ही हरीश रावत सरकार केंद्र से बजट को बहाल करने की मांग कर रही है और इसी के चलते हरीश रावत कैबिनेट ने बजट को दोबारा से विधानसभा में रखने का फैसला लिया था। हालांकि ये भी कहा था कि वे एक बार फिर से केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि राज्य के बजट को बहाल कर दिया जाए।