उत्तराखंड | डीजल से चलने वाले पुराने विक्रम और सिटी बसें हटाईं जाएंगी, फिर क्या होगा?

सरकार की इस नीति के तहत पुराने वाहन को स्क्रैब करने और नए सीएनजी वाहन खरीदने पर सरकार 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। इसके अलावा वन पंचायतों में रह रहे 25 लाख लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अधिकार दिए गए।

 
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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में शहरों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले पुराने विक्रम और सिटी बसें हटाईं जाएंगी। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति-2024 को मंजूरी दे दी।

सरकार की इस नीति के तहत पुराने वाहन को स्क्रैब करने और नए सीएनजी वाहन खरीदने पर सरकार 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। इसके अलावा वन पंचायतों में रह रहे 25 लाख लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अधिकार दिए गए।

<a href=https://youtube.com/embed/4Ff-DnKujh4?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/4Ff-DnKujh4/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सचिव शैलेष बगौली ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि शहरों में डीजल से संचालित पुराने वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024 को मंजूरी दी गई। इसके तहत देहरादून शहर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। जिसमें पुराने सिटी बस व विक्रम को स्क्रैब नहीं कराने वालों को पर्यावरण फ्रेंडली इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहन (25 से 32 सीटर) खरीदने के लिए कुल लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12 लाख तक सब्सिडी दी जाएगी। जबकि वाहन स्क्रैब का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर नए वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।