उत्तराखंड | विधेयक पर राजभवन की लगी मुहर, सरकारी सेवाओं में मिलेगा 4% क्षैतिज आरक्षण

ऐसे खिलाड़ी, जिनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है, लेकिन वर्ष 2001 या उस समय जारी किसी शासनादेश के तहत उत्तराखंड में स्थायी अधिवास का प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, वह इस दायरे में आएंगे।

 
  <a href=https://youtube.com/embed/hh_eJ9dqJ3A?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/hh_eJ9dqJ3A/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से बड़ी और अहम ख़बर है। राजभवन ने उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ि‍यों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इसके साथ ही राज्य के अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेताओं व हिस्सा लेने वाले खिलाड़ि‍यों को सरकारी सेवाओं में रोजगार देने के लिए चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का अधिनियम बनने का रास्ता साफ हो गया।

<a href=https://youtube.com/embed/4Ff-DnKujh4?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/4Ff-DnKujh4/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

आपको बता दें कि सरकार ने इसी वर्ष फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस विधेयक को पारित किया था।

इस विधेयक में स्पष्ट किया गया है कुशल खिलाड़ि‍यों को सरकारी विभाग, सहकारी समिति, बोर्ड या निगम, सरकार के नियंत्रण वाले कानूनी निकाय, सरकार के नियंत्रण वाले शिक्षण संस्था और विश्वविद्यालयों में निकलने वाली रिक्तियों में आरक्षण दिया जाएगा।

<a href=https://youtube.com/embed/0na4eKk2FUQ?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/0na4eKk2FUQ/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

इसमें स्पष्ट किया गया है कि कुशल खिलाड़ी ऐसे नागरिक को माना जाएगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, परंतु अन्य उसने अन्य कहीं का कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है।

ऐसे खिलाड़ी, जिनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है, लेकिन वर्ष 2001 या उस समय जारी किसी शासनादेश के तहत उत्तराखंड में स्थायी अधिवास का प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, वह इस दायरे में आएंगे।

विधेयक में ओलंपिक समेत अंतराष्ट्रीय व राष्ट्रीय खेलों को वर्गीकृत करते हुए उनमें खिलाड़ि‍यों के आरक्षण की व्यवस्था की है।