उत्तराखंड | तो यहां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे मुख्यमंत्री तीरथ! समझिए गणित

तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। सीएम बनने के बाद तीरथ को अगले छह माह के अंदर ही विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए उन्हें उत्तराखंड की किसी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना होगा।
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। सीएम बनने के बाद तीरथ को अगले छह माह के अंदर ही विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए उन्हें उत्तराखंड की किसी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना होगा।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा सीट भाजपा के ही विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई थी। कहा जा रहा है कि भाजपा के किसी विधायक से सीट खाली कराने की बजाए बीजेपी तीरथ सिंह रावत को सल्ट विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है।

इसका अहम कारण भी हैं। पहला यह कि सल्ट विधानसभा सीट पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से एकदम सटी हुई है ।इसलिए यहां के लिए तीरथ रावत जाना पहचाना नाम हैं।

दूसरा अगर इस सीट से भाजपा की ओर से सीएम चुनाव लड़ेंगे तो इस सीट से पार्टी की जीत भी लगभग तय मानी जाएगी। साथ ही तीरथ सिंह को चुनाव लड़वाने के लिए किसी विधायक से सीट भी खाली नहीं करवानी होगी। यही नहीं जातीय आधार पर देखें तो सल्ट विधानसभा सीट ठाकुर मतदाता बहुल सीट है। ऐसे में ठाकुर सीएम का यहां से जीतना आसान होगा।

हालांकि मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का मानना है कि वह गढ़वाल क्षेत्र से ही चुनाव लड़ना पसंद करेंगे। गढ़वाल और कुमाऊं में क्षेत्रीय विभाजन के मद्देनजर कुमाऊंनी और गढ़वाली नेता ज्यादातर अपने ही क्षेत्रों से चुनाव लड़ते रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत धनोल्टी, रायपुर, डोइवाला में से किसी सीट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंच सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली बुलाए जाने की संभावनाओं के मद्देनजर देहरादून की डोइवाला सीट तीरथ सिंह रावत के एक अच्छा विकल्प हो सकती है।

उत्तराखंड में पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसे सांगठनिक कौशल वाले नेता की पार्टी को केंद्र में जरूरत है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह अभी पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र से सांसद हैं और विधायक बनने के बाद उनकी खाली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को लोकसभा उपचुनाव लड़ाया जा सकता है। यह स्थिति दोनों ही नेताओं के लिए मनमाफिक होगी।

बहरहाल मुख्यमंत्री के चुनावी सीट को लेकर जारी कयासबाजी के बीच देखना अहम होगा कि आखिर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत किस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।