मुख्यमंत्री तीरथ के मंत्रीमंडल में इन नेताओं की होगी एंट्री ? यहां समझिए गणित

तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मार्य ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मार्य ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।


तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही बीजेपी ने सबको चौंका दिया। मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नाम चर्चा में थे। इनमें रमेश पोखरियाल निशंक, अनिल बलूनी, धन सिंह रावत, अजय भट्ट और सतपाल महाराज तक का नाम शामिल था लेकिन तीरथ सिंह रावत सीएम बनेंगे, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा पाया।

तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब सबके मन में ये सवाल है कि आखिर तीरथ सिंह रावत की टीम में किसे-किसे जगह मिलेगी ? क्या त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को तीरथ सिंह रावत अपनी टीम में शामिल करेंगे या फिर कुछ मंत्रियों का पत्ता कटेगा ?

क्या जिस तरह बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाकर सबको चौंकाया, उसी तरह तीरथ सिंह रावत भी अपनी टीम में नए चेहरे शामिल कर सबको चौंकाएंगे ?

फिलहाल खबर है कि एक दो दिन में तीरथ सिंह रावत अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। खबर ये भी है कि त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में शामिल रहे कुछ मंत्रियों को तीरथ सिंह रावत अपनी टीम में बरकरार रख सकते हैं।

आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 70 है। नियम के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री को छोड़कर 11 विधायक ही मंत्री बन सकते हैं। चार साल पहले 2017 में जब त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार बनी थी तब नौ मंत्रियों ने शपथ ली थी।

त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 18 मार्च, 2017 को जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनके साथ नौ मंत्रियों में से प्रकाश पंत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्या, अरविंद पांडेय और सुबोध उनियाल ने कैबिनेट मंत्री के रुप में शपथ ली थी जहकि राज्य मंत्री के रूप में धन सिंह रावत और रेखा आर्या ने शपथ ली थी।

उसी समय से दो मंत्रियों की जगह खाली चल रही थी। डेढ़ साल पहले प्रकास पंत के निधन के बाद से एक और सीट खाली हो गई। इस तरह तीन मंत्रीपद आखिर तक खाली ही रहे।

त्रिवेंद्र सरकार में शामिल नौ मंत्रियों में पांच मंत्री पद कांग्रेस से आए नेताओं को दिए गए थे। बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच अब ये चर्चाएं जोरों पर हैं कि कांग्रेस से आए जो विधायक मंत्री बने थे उनमें से कुछ से मंत्रीपद छीना जा सकता है।

संभावना ये भी है कि जिन सीनियर नेताओं को त्रिवेंद्र सरकार में तरजीह नहीं मिली थी, उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। ऐेसे नेताओं में डीडीहाट विधानसभा से लगातार 5 बार विधायक रहे पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल का नाम सबसे आगे है। साथ ही हरबंश कपूर, चंदन राम दास, बलबंत भोर्याल, चंद्रा पंत और रितू खंडूरी को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं।

सीएम तीरथ सिंह रावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के बीच संतुलन कायम करने के साथ ही जातीय समीकरणों को साधने की भी है। जाहिर है चुनावी साल में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले तीरथ सिंह रावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती फिलहाल अपनी संतुलित टीम बनाने की है।