कलयुग में जन्में श्रवण कुमार; देखकर अनुपम का दिल हुआ गदगद

सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने और दर्शकों से अपने रिश्ते को मजबूत रखने वाले अनुपम खेर एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो न सिर्फ रील लाइफ में, बल्कि रियल लाइफ में भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। बात एक्टिंग की हो या नेकी की, वह कभी किसी का भला करने का मौका नहीं छोड़ते। उनकी यही बात उन्हें नेक दिल इंसान बनाती है।
एक बार फिर उन्होंने अपनी एक अलग छाप दर्शकों और फैंस के दिलों में गहराई से छोड़ दी है। देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर अनुपम खेर ने एक ऐसी पोस्ट शेयर की है, जो हर किसी की आँखों में आँसू की वजह बन गई है। पोस्ट करते हुए वे कहते हैं:
तस्वीर में दिया गया वर्णन विनम्र है! प्रार्थना करो कि यह सच है! यदि कोई इस आदमी के ठिकाने का पता लगा सकता है, तो कृपया हमें बताएँ। @anupamcares उनकी माँ के साथ देश में उनकी सभी तीर्थ यात्राओं को स्पॉन्सर करने के लिए जीवन भर खुद को सम्मानित महसूस करेगा। 🙏🕉 #MondayMotivation
Koo AppThe description in the pic is humbling! Pray it is true! So If anybody can find the whereabouts of this man please do let us know. The @anupamcares will be honoured to sponsor all his journeys with his mother to any pilgrimage in the country all his life. 🙏🕉 #MondayMotivation - Anupam Kher (@anupampkher) 4 July 2022
आखिर ऐसा क्या है इस तस्वीर में?
अनुपम ने हाल ही में अपने कू हैंडल के माध्यम से एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें एक शख्स अपनी माँ को काँधे के सहारे कावड़ पर बैठाए हुए है। कैलाश गिरी ब्रह्मचारी नाम का यह शख्स आज के युग यानी कलयुग के श्रवण कुमार के नाम से प्रसिद्ध हो गया है। माँ के प्रति असीम प्रेम, सम्मान, स्नेह और आदर के साथ ही दृष्टिहीनता के कारण कैलाश ने इस राह को चुना।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह शख्स एक या दो वर्षों से नहीं, बल्कि 20 वर्षों से अपनी माँ को कावड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा करा रहा है। 80 वर्ष की अपनी माँ की इच्छा को पूरा करते हुए कैलाश उन्हें देश भर के कई तीर्थ स्थानों के दर्शन करा चुका है।
पूरी कहानी
अनुपम ने यह पोस्ट इसलिए शेयर की है, क्योंकि वे इस शख्स की मदद करना चाहते हैं। यूज़र्स के साथ इसे शेयर करते हुए अनुपम ने अपील की है कि यह इंसान जिस भी किसी व्यक्ति के संपर्क में आया हो, या कोई जानता हो कि यह कहाँ रहता है, तो अनुपम को जरूर बताए, ताकि वे इसका कुछ भार कम कर सकें।
दरअसल अनुपम चाहते हैं कि कैलाश की आगामी सभी तीर्थ यात्राओं को स्पॉन्सर करें। यह अनुपम की नेक दिली की मिसाल ही है, जो जितनी दी जाए, उतनी ही कम है। वहीं, कलयुग में अपनी माँ को अपना जीवन समर्पित करने वाले श्रवण कुमार यानी कैलाश गिरी ब्रह्मचारी दुनिया के लिए खुद एक मिसाल बन खड़े हुए हैं।