अच्छी ख़बर | Phd उपाधिधारियों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का मौका

प्रदेश के वर्ष 2009 से पूर्व के पीएचडी उपाधिधारियों के लिए अच्छी ख़बर है। पीएचडी उपाधिधारियों को असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने का मौका मिल सकता है। जिससे ऐसे अभ्यर्थियों को नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता से छूट मिलेगी। विवि अनुदान आयोग ने इस संबंध में पांच शर्त निर्धारित
 

प्रदेश के वर्ष 2009 से पूर्व के पीएचडी उपाधिधारियों के लिए अच्छी ख़बर है। पीएचडी उपाधिधारियों को असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने का मौका मिल सकता है। जिससे ऐसे अभ्यर्थियों को नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता से छूट मिलेगी। विवि अनुदान आयोग ने इस संबंध में पांच शर्त निर्धारित की है।

ये हैं शर्त | शर्त के मुताबिक 2009 से पूर्व के ऐसे पीएचडी उपाधिधारी जिनके शोध प्रबंध का मूल्यांकन कम से कम दो वाह्य परीक्षकों ने किया हो। अभ्यर्थी को नियमित पद्धति से पीएचडी उपाधि प्रदान की गयी हो। अभ्यर्थी ने अपने पीएचडी शोध कार्य में से दो शोध पत्र जर्नल में प्रकाशित किए हों।  पीएचडी शोध कार्य के दो पेपर संगोष्ठी में प्रस्तुत करने के साथ ही अभ्यर्थी का मौखिक साक्षात्कार भी संचालित किया गया हो। इन शर्तों को पूरा करने वाले पीएचडी उपाधिधारियों को नेट परीक्षा उत्तीर्ण की बाध्यता से छूट दी जा सकती है।

बैठक में होगा विचार | गढ़वाल विवि के कुलपति प्रो. जवाहरलाल कौल ने विवि की अकेडमिक काउंसिल की एक आपात बैठक नौ जुलाई को बुलाई है।  नौ जुलाई को कुलपति विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में प्री पीएचडी की प्रवेश परीक्षा के आयोजन पर विचार करने के साथ ही प्री पीएचडी की विभागवार सीटों की संख्याओं की जानकारी ली जाएगी।