Navratri 2022: सुख-समृद्धि और संतान के लिए करें मां स्कंदमाता की पूजा
शारदीय नवरात्रि के इस पावन पर्व पर शुक्रवार को पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जा रही है। ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन और विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा की जाए, तो माता प्रसन्न होती हैं और भक्त को सुख-समृद्धि देने के साथ संतान प्राप्ति भी होती है।
शुक्रवार को स्कंदमाता की पूजा का समय दिन के 12.08 बजे से लेकर रात्रि 10.34 बजे तक है। इस संबंध में स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर मशहूर ज्योतिषाचार्य गुरुदेव जीडी वशिष्ठ ने स्कंदमाता को याद करते हुए लिखा, "सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते।
भये भ्यस्त्राहि नो देवी दुर्गे देवी नमो स्तुते॥ हमारे प्रकाण्ड आचार्य से निःशुल्क संपर्क करें : 999 999 0522
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अगर बात करें स्कंदमाता की पूजा विधि की तो माता के इस रूप को प्रसन्न करने के लिए केले का भोग लगाकर जरूरतमंदों को बांटना सबसे श्रेयस्कर है। इस दिन ब्राह्मणों को केला दान करने से बल और बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। स्कंदमाता का प्रिय रंग सफेद है। संतान की चाह रखने वाले अगर स्कंदमाता की पूजा सही ढंग से करते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है। इसके अलावा परिवार में खुशहाली, मोक्ष पाने और सफलता पाने के लिए भी स्कंदमाता की पूजा परिणाम देती है