स्वच्छ गंगा के लिए दिल्ली में हो रहा है मंथन, CM हरीश रावत हैं मौजूद
इस एकल मंच पर सभी हितधारकों को जुटाने का उद्देश्य गंगा पर राष्ट्रीय विमर्श के माध्यम से एक दिवसीय परामर्श और जागरूकता कार्यक्रम में विभिन्न हितधारकों के बीच वार्तालाप के माध्यम से ऐसे विचारों को सामने लाना है, जिससे गंगा के पुनरुद्धार संबंधी दीर्घकालिक नीति का निर्माण कर बेहतर समझ विकसित की जा सकें।
इस सम्मेलन में औषधीय पौधों और आजीविका, ग्रामीण ठोस कचरे का परिशोधन और स्वच्छता विषय पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। सम्मेलन में शामिल विभिन्न हितधारक गंगा पुनरुद्धार के कार्य में आने वाली संभावित चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। इससे व्यापक खाका तैयार करने में मदद मिलेगी।
सम्मेलन का उदघाटन केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती करेंगी। साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत, झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ ही मानव संसाधन विकास भी मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम पर एक लघु फिल्म दिखाई जाएगी, साथ ही औषधीय पौधों पर बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का भी संबोधन होगा। कार्यक्रम में दिखाया भी जाएगा कि किस तरह गांवों में खुले नालों के अवजल को दुरूस्त करके गंगा में प्रवाहित किया जा सकता है। साथ ही गंगा नदी पर सभी हितधारकों के बीच विचार-विमर्श के आधार पर तैयार एक पोर्टल गंगा विचार मंच का भी इस कार्यक्रम के दौरान शुभारंभ किया जाएगा। कार्यक्रम में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच सहमति पत्रों पर हस्ताक्षऱ भी किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का समापन सभी ग्राम प्रधानों के विचारों, सुझावों और अनुभवों को महत्वपूर्ण हस्तियों, पर्यावरणविदों, विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं के साथ साझा करने से होगा जिनके माध्यम से दीर्घावधि रणनीतियों का निर्माण संभव हो सकेगा।