नमामि गंगे | गंगा किनारे बसे गांवों में बनेंगे शौचालय, 263 करोड़ होंगे खर्च: उमा भारती
उमा भारती ने सरपंचों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में शौचालयों के बारे में उनका यह अनुभव रहा है कि शौचालयों का निर्माण हो जाता है, परंतु उनका प्रयोग नहीं किया जाता। उमा भारती ने सरपंचों से निवेदन किया कि आप अपने क्षेत्र में इस संबंध में जागृति लाएं तथा लोगों के इनके अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रेरित करें।
उमा भारती ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम का काम केंद्र सरकार के कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के सुपुर्द कर दिया है। इन उपक्रमों ने फील्ड सर्वेक्षण का कार्य भी शुरू कर दिया है एवं सर्वेक्षण पूरा होने के बाद इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नालों के लिए हम इस प्रकार की योजना बना रहे हैं कि इनके गंदे पानी को जैविक रूप या अन्य तकनीक से शुद्ध कर इसका खेती तथा जब खेती में आवश्यकता न हो तब वाटर रिचार्जिगं में उपयोग किया जा सके।
गंगा संरक्षण और स्वच्छता को लेकर हुई इस अहम बैठक में जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी आगे बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पोत-परिवहन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, आयुष मंत्रालय तथा युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ अलग-अलग आशय समझौते भी किए।
कार्यक्रम को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति जूबिन इरानी, चौधरी बीरेंद्र सिंह, डॉ. महेश शर्मा, सरबानंद सोनोवाल, सांवरलाल जाट के साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने भी संबोधित किया।