7 मार्च को महाशिवरात्रि, विशेष फलदायी होगी भोलेनाथ की पूजा
ज्योतिषाचार्यों की माने तो वर्षों बाद इस तरह का संयोग निर्मित हुआ है। इसलिए इस महाशिवरात्रि का महत्व कई गुना अधिक होगा। इस शिवरात्रि पर शिव की आराधना का भक्तों को कई गुणा अधिक फल प्राप्त होगा। भगवान को जलाभिषेक व पूजा-पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहेगी। धार्मिक कार्यों की दृष्टि से यह खास माना गया है।
महाशिवरात्रि का पावन दिन सभी कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान दिलाने वाला सुअवसर प्रदान करता है। अगर विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो भगवान शिव और जगत जननी के विवाह दिवस यानी महाशिवरात्रि पर इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।
ज्योतिचार्यों के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि यानी कि 7 मार्च को सुबह 11 बजकर 13 मिनट से लेकर दूसरे दिन सुबह 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन कुंभ राशि सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व केतु, पांच ग्रह मिलन (युति) करेंगे। जिसके कारण इन चारों प्रहर में पूजा करना अति फलदायी है। इस दिन व्रत- पूजा करने उनके भक्तों को स्थिर लक्ष्मी और आरोग्यता प्रदान होती है।