चिरायु, आरोग्य और सुख-सम्पदा का वरदान देती हैं चंद्रघंटा देवी
आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी की पूजा अर्चना होती है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट
चंद्रघंटा – मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम ‘चंद्रघंटा’ है। नवरात्र उपासना में तीसरे दिन चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इनका स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां के मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है। इसी कारण देवी के इस स्वरूप का नाम चंद्रघंटा है। मां के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है और वाहन सिंह है।
मां चंद्रघंटा की अर्चना भक्तों को जन्म जन्मान्तर के कष्टों से मुक्त कर इस लोक और परलोक में कल्याण प्रदान करने वाली है।
मां के दस हाथों में कमल धनुष बाण कमंडल तलवार त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र हैं। इसके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और रत्नजड़ित मुकुट शीष पर विराजमान है। अपने दोनों हाथों से मां चित्रघंटा भक्तों को चिरआयु, आरोग्य और सुख सम्पदा का वरदान देती है।